भारत के विमानन उद्योग के लिए सोमवार का दिन काफी खास होगा। देश में पहली बार जैव ईधन से चलने वाला विमान उड़ान भरेगा। विमान का यह सफर देहरादून से दिल्ली तक होगा। इसके लिए विमानन कंपनी स्पाइस जेट ने टर्बोपोर्प, क्यू 400 विमान तैयार किया है। विमान पहले देहरादून एयरपोर्ट से उड़ान भरेगा जिसके बाद लगभग 10 मिनट तक शहर के ऊपर चक्कर लगाएगा। अगर परीक्षण सफल रहा तो विमान फिर दिल्ली के लिए उड़ान भरेगा। इस उड़ान पर कुछ नियामक एजेंसियों की ऑन बोर्ड नजर रहेगी। परीक्षण के वक्त नागरिक विमानन महानिदेशालय (डीजीसीए), नागरिक विमानन मंत्रालय और एयरलाइंस के वरिष्ठ अधिकारी भी मौजूद होंगे।
10 अगस्त 2018 को जैव ईधन दिवस के मौके पर दिल्ली में आयोजित एक कार्यक्रम में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जैव ईधन पर राष्ट्रीय नीति जारी की थी। इसमें आनेवाले 4 सालों में एथेनॉल का उत्पादन 3 गुना बढ़ाने का लक्ष्य रखा गया है। अगर ऐसा होता है तो तेल आयात के खर्च में 12 हजार करोड़ रुपये तक बचाए जा सकते हैं। जैव ईधन सब्जी के तेलों, रिसाइकल ग्रीस, काई, जानवरों के फैट आदि से बनता है। जीवाश्म ईधन की जगह इसका इस्तेमाल किया जा सकता है। दरअसल, एयरलाइंस इंटरनेशनल एयर ट्रांसपोर्ट एसोसिएशन (आईएटीए) नामक ग्लोबल एसोसिएशन ने लक्ष्य रखा है कि उनकी इंडस्ट्री से पैदा होने वाले कॉर्बन को 2050 तक 50 प्रतिशत कम किया जाए। एक अनुमान के मुताबिक, जैव ईधन के इस्तेमाल से एविएशन क्षेत्र में उत्सर्जित होने वाले कार्बन को 80 प्रतिशत तक कम किया जा सकता है।
दुनिया में पहले कहां उड़े जैव ईधन विमान:
- इस साल जनवरी में ऑस्ट्रेलियाई कैरियर क्वांटास के ड्रीमलाइनर बोइंग 787
-9 विमान ने लॉस एंजेलिस और मेलबर्न के बीच उड़ान भरी था। 15 घंटे की उड़ान के लिए मिश्रित ईधन का उपयोग किया गया था। इसमें 10 प्रतिशत जैव ईधन मिलाया गया था।
- साल 2011 में अलास्का एयरलाइंस ने जैव ईधन से चलने वाले कुछ विमान शुरू किए थे जिसके ईधन में 50 प्रतिशत खाद्य तेल का इस्तेमाल किया गया था।
- इसके साथ-साथ केएलएम ने भी साल 2013 में कुछ जैव ईधन विमान न्यूयॉर्क और एम्सटर्डम में शुरू किए थे।