लोकसभा चुनाव २०१९ के ६ चरण का मतदान पूरा हो चुका है और केवल एक यानि सातवें चरण का मतदान होना बांकी है। ऐसे में तमाम राजनीतिक पार्टियां प्रचार अभियान में अपना पूरा दमखम लगा रही है। इस बीच आरोप प्रत्यारोप का सिलसिला भी जारी है।
इन दिनों मक्कल नीधि मैयम (एमएनएम) के संस्थापक कमल हसन अपने विवादित बयानों को लेकर सुर्खियों में है। रविवार को कमल हासन ने महात्मा गांधी की हत्या करने वाले, नाथूराम गोडसे के संदर्भ में चुनावी सभा को संबोधित करते हुए कहा कि वह एक ऐसे स्वाभिमानी भारतीय हैं जो समानता वाला भारत चाहते हैं।
हसन ने कहा कि मैं ऐसा इसलिए नहीं बोल रहा हूं कि यह मुसलमान बहुल इलाका है, बल्कि मैं यह बात गांधी की प्रतिमा के सामने बोल रहा हूं। आजाद भारत का पहला आतंकवादी हिन्दू था और उसका नाम नाथूराम गोडसे है। वहीं से इसकी (आतंकवाद) शुरुआत हुई। महात्मा गांधी की १९८४ में हुई हत्या का हवाला देते हुए हासन ने कहा कि वह उस हत्या का जवाब खोजने आये हैं।
गौरतलब है कि यह पहला मौका नहीं है जब हासन ने इस तरह की कोई टिप्पणी की हो, इससे पहले भी वह २०१७ में हिंदू अतिवाद पर बयान देकर विवादों के घेरे में आ चुके हैं।