राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद इस साल राष्ट्रपति भवन में इफ्तार पार्टी की मेजबानी नहीं करेंगे। ऐसा करीब एक दशक में पहली बार होगा जब राष्ट्रपति भवन में इफ्तार पार्टी का आयोजन नहीं किया जा रहा है।
बता दें कि ये फैसला उस वक्त लिया गया था जब राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने पदभार ग्रहण किया था। राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने इस मौके पर कहा था कि करदाताओं के पैसे से राष्ट्रपति भवन में कोई भी धार्मिक आयोजन नहीं किया जाएगा। और यह नियम दीपावली, होली, गुरुपर्व और क्रिसमस पर भी लागू है। राष्ट्रपति भवन पूरे देश के लिए धर्मनिरपेक्ष भाव रखता है, इसी को ध्यान में रखते हुए यह निर्णय लिया गया। बहरहाल राष्ट्रपति हर प्रमुख त्योहार के अवसर पर नागरिकों को शुभकामनाएं देते हैं।
बतादें कि सबसे पहले राष्ट्रपति भवन में धार्मिक आयोजन पर पूर्व राष्ट्रपति एपीजे अब्दुल कलाम ने (2002 -2007) रोक लगाई थी।कलाम ने अपने पांच साल के कार्यकाल में राष्ट्रपति भवन में कोई भी धार्मिक आयोजन नहीं किया था। उन्होंने इफ्तार पार्टी पर होने वाले खर्च से गरीब और अनाथ लोगों की मदद की थी।