कांग्रेस पार्टी और नैशनल हेरल्ड के प्रकाशक असोसिएटेड जर्नल्स लिमिटेड को दिल्ली हाई कोर्ट से बड़ा झटका लगा है। कोर्ट ने एजेएल की दलीलों को खारिज करते हुए हेरल्ड हाउस को खाली करने के पुराने आदेश को बरकरार रखा है। हालांकि कोर्ट से ये स्पष्ट नहीं किया जा सका है कि इसे कब तक खाली किया जाना है।
मुख्य न्यायाधीश राजेंद्र मेनन और न्यायमूर्ति वीके राव की पीठ ने १८ फरवरी को केंद्र और एजेएल की दलीलें सुनने के बाद फैसला सुरक्षित रख लिया था। पिछले साल दिल्ली हाई कोर्ट की सिंगल बेंच ने दो हफ्ते में हेराल्ड हाउस (Herald House) खाली करने का आदेश दिया था, जिसके बाद एसोसिएटेड जर्नल्स लिमिटेड (एजेएल) ने सिंगल बेंच के आदेश को दिल्ली हाई कोर्ट की डबल बेंच में इसी वर्ष जनवरी में चुनौती दी गई थी।
डबल बेंच में लगाई गई एजेएल की याचिका में २१ दिसंबर के फैसले पर तुरंत रोक लगाने की मांग की गई थी, इसके साथ ही याचिका में कहा गया था कि न्याय के हित में इमारत खाली करने के आदेश पर रोक लगाना जरूरी है। रोक नहीं लगी तो ये कभी न पूरा होने वाला नुकसान होग।
यहां पर बता दें कि १९ फरवरी, २०१९ को दिल्ली हाई कोर्ट ने केंद्र सरकार की तरफ से सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता और नेशनल हेराल्ड अखबार के प्रकाशक एसोसिएट जर्नल्स लिमिटेड (एजेएल) के वरिष्ठ अधिवक्ता अभिषेक मनु सिंघवी की दलील सुनने के बाद इस मामले में अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था।