दिल्ली में पिछले दो दिनों से हो रही बारिश ने प्रशासन की बोल खोल कर रख दी है। दिल्ली हाई कोर्ट ने दिल्ली की दुर्दशा को देखते हुए सख्त टिप्पणी करते हुए कहा है कि अखबार में छपी तस्वीरों को देख कर ये लगता ही नहीं कि ये दिल्ली है, ये कोई जनजातीय इलाका है। बता दें कि दिल्ली हाई कोर्ट ने दिल्ली की तुलना जनजातीय इलाकों से की है।
बहरहाल अगर आकड़ों और ताजा तस्वीरों को देखें तो ये बात बिल्कुल ही सही है। नेशनल ग्रीन ट्रिब्यून में पेश की गई एक रिपोर्ट के मुताबिक दिल्ली के ४६ प्रतिशत ऐसे इलाके है जहां कोई सीवर सिस्टम है ही नहीं। साल २०१४ में इस रुपोर्ट में कहा गया था कि दिल्ली में ९५०० सीवीर लाई बीछाने की जरुरत है जिसके लिए १९५०० रुपए का खर्च आएगा।
बहरहाल गुरुवार से हो रही भारी बारिश के कारण दिल्ली एनसीआर समेत कई इलाकों में जलभराव हो गया है। जिसके कारण आज भी लोगों को जाम व परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है।
वहीं मौसम विभाग ने अगले 42 घंटो के लिए हाई अलर्ट जारी किया है। मौसम विभाग के मुताबिक, आने वाले 2 दिनों तक मौसम ऐसा ही रहना वाला है। मौसम विभाग ने कहा दिल्ली एनसीआर में दिन भर बादल छाए रहेंगे। बीते दिन एनसीआर के नोएडा, ग्रेटर नोएडा और गाजियाबाद में भी तेज बारिश हुई थी। जिसके चलते कई इलाकों में जलभराव हो गया। वहीं कई स्कूल बंद कर दिए गए है।