सेहत को लेकर सरकार हुई जागरुक - सिरदर्द, जुकाम और बुखार समेत 328 दवाओं पर लगा बैन

Aazad Staff

Nation

हम अक्सर अपनी बीमारी को दूर करने के लिए दवा का सहारा लेते है। ये दवा ही दूसरा जीवन प्रदान करती हैं लेकिन क्या हो जब यही दवा हमारी कमियों को दूर करने के बजाए और बढ़ा दें तो? ऐसे ही कुछ कारणों से सरकार ने 328 दवाओं पर बैन लगाने का फैसला किया है।

केंद्र सरकार ने स्वास्थ्य के लिए 328 फिक्सड डोज कॉम्बिनेशन (एफडीसी) दवाओं की बिक्री और वितरण पर बुधवार को रोक लगा दी है। इन दवाओं में सर्दी-खांसी और मधुमेह में इस्तेमाल की जाने वाली कई दवाएं शामिल हैं। जिन्हें सेहत के लिए हानिकारक माना गया है। बता दें कि सरकार द्वरा लिए गए इस कदम से 1.18 लाख करोड़ रुपए के फार्मा उद्योग से 1500 करोड़ रुपए का कारोबार प्रभावित होने की बात कही गई है।

बोर्ड ने सिफारिश की कि औषधि और प्रसाधन सामग्री अधिनियम, 1940 की धारा 26ए के तहत व्यापक जनहित में इन एफडीसी के उत्पादन, बिक्री अथवा वितरण पर रोक लगाई है। सरकार ने जिन दवाओं पर रोक लगाई है, उनमें सेरिडॉन, डिकोल्ड, जिंटाप, सुमो, जीरोडॉल, फेंसिडील, विक्स एक्शन 500, कोरेक्स और कई तरह के एंटीबायोटिक्स, पेन किलर्स, शुगर और दिल के रोगों की दवाएं शामिल हैं। अभी और भी कई एफडीसी दवाएं हैं, जो देश में बिक रही हैं। माना जा रहा है कि सरकार 500 और एफडीसी पर रोक लगा सकती हैं।

ज्ञात हो कि केंद्र सरकार ने मार्च 2016 में भी 349 एफडीसी दवाओं की बिक्री और वितरण पर रोक लगा दी थी। दवा कंपनियां इस बैन के खिलाफ दिल्ली और अन्य हाईकोर्ट में चली गई थीं। हालांकि दवां कंपनियों की इस अपिल को दिल्ली हाईकोर्ट ने खारिज कर दिया था। जिसके बाद सरकार और कुछ निजी हेल्थ संगठन उच्?चतम न्?यायालय चले गए। जहां कोर्ट ने 349 एफडीसी दवाओं में से 328 को बैन किया।

Latest Stories

Also Read

CORONA A VIRUS? or our Perspective?

A Life-form can be of many forms, humans, animals, birds, plants, insects, etc. There are many kinds of viruses and they infect differently and also have a tendency to pass on to others.