निजामुद्दीन दरगाह: महिलाओं के प्रवेश पर जारी किए नोटिस के खिलाफ कोर्ट ने केंद्र और ट्रस्ट से मांगा जवाब

Aazad Staff

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पूणें की कानून की छात्राओं ने दिल्ली हाई कोर्ट में याचिका दायर कर कहा कि जब केरल के सबरीमला मंदिर में सभी उम्र की महिलाओं के प्रवेश पर पाबंदी हटा दी गई है तो दिल्ली के निजामुद्दीन दरगाह में महिलाओं के प्रवेस पर रोक क्यों लाई गई है।

एक तरफ जहां महिलाए देश में मजारों में लगी हजारों सालों की रोक के खिलाफ आवाज उठ रही हैं तो वहीं अब हजरत निजामुद्दीन दरगाह में महिलाओं के प्रेवश को लेकर हंगामा गर्माता जा रहा है। दरसल दिल्ली में स्थित निजामुद्दीन दरगाह के बाहर हिंदी और अंग्रेजी में नोटिस लगा है जिसमें इस बात की पुष्ठी की गई है कि महिलाओं को दरगाह के अंदर प्रवेश की अनुमति नहीं है। इस संदर्भ में हाई कोर्ट में 27 नवंबर को याचिका दायर की गई थी।

हालांकि इससे पहले याचिका करता ने दिल्ली पुलिस, दरगाह का प्रबंधन करने वाले ट्रस्ट से दरगाह में प्रवेश के लिए आग्रह किया था, लेकिन उन्हें कोई जवाब नहीं मिला। जिसके बाद याचिकाकर्ता ने हाई कोर्ट में मामला दायर किया।

बता दें कि इस याचिका में कहा गया है कि केंद्र, दिल्ली सरकार, पुलिस, और दरगाह का प्रबंधन करने वाले ट्रस्ट को निर्देश दे कि दरगाह में महिलाओ को अंदर जाने से कोई रोक नहीं सकता और महिलाओं के प्रवेश पर रोक असंवैधानिक है। अब इस मामले की सुनवाई 11 अप्रैल 2019 को होगी। तब तक कोर्ट ने दिल्ली सरकार, केंद्र और ट्रस्ट से इस मामले पर जवाब दाखिल करने का आदेश दिया है।

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