गुजरात दंगा मामले में सुप्रीम कोर्ट ने जाकिया जाफरी की याचिका को जनवरी के तीसरे हफ्ते तक के लिए टाल दिया है। गौरतलब है कि फरवरी 2002 में अहमदाबाद की गुलबर्ग सोसायटी में दंगाईयों ने जमकर उत्पात व हिंसा को अंजाम दिया था इस दौरान 68 लोगों को मौत के घाट उतार दिया गया था इस दंगे के दौरान कांग्रेस नेता और जाकिया जाफरी के पति एहसान
जाफरी की हत्या कर दी गई थी। इसी मामले को लेकर जाकिया जाफरी (एहसान जाफरी की पत्नी) ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को बरी किए जाने के फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी है।
गौरतलब है कि जाकिया ने बीते साल पांच अक्टूबर को गुजरात हाईकोर्ट में चल रहे फैसले को खारिज करने की याचिका सुप्रीम कोर्ट में दायर की थी। इस मालमे में 26 नवंबर को एक सुनवाई हुई थी। जिसके बाद तारिख को आगे बढ़ा दिया गया था।
यहां बता दें कि एसआईटी ने अपनी क्लोजर रिपोर्ट के तहत इस मामल में कई राजनीतिज्ञों और अधिकारियों को आरोपों से बरी कर दिया था। जिसके बाद 5 अक्टूबर 2017 को गुजरात हाईकोर्ट ने एसआईटी के इस फैसले को सही ठहराया था और 58 लोगों को बरी कर दिया इनमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का भी नाम शामिल था। इस फैसले के बाद जाकिया ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाज खटखटाया और इस मामले में याचिका दायर की । बता दें कि इस याचिका में जाफरी ने कहा है कि हाईकोर्ट ने मजिस्ट्रेट के ऑर्डर में दखल देने से इनकार कर दिया था। जबकि इस आरोपियों के खिलाफ कई सबूत उपलब्ध थे।