गरीब स्वर्णों को 10 फीसदी आरक्षण देने वाले विधेयक पर राज्यसभा में शनिवार को राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद द्वारा बिल को मंजूरी देने के बाद गरीबों को आरक्षण देने वाला गुजरात पहला राज्य बन गया है। अब यहां आर्थिक आधार पर सवर्ण गरीबों को आरक्षण दिया जाएगा। यह आरक्षण शिक्षण संस्थानों और नौकरियों के लिए लागू होगा।
केंद्र सरकार ने इस संबंध में अधिसूचना भी जारी कर दी है। अधिसूचना जारी होने के एक दिन बाद ही गुजरात के मुख्यमंत्री विजय रुपाणी ने रविवार को अपने राज्य में आर्थिक रूप से कमजोर सवर्णों को सरकारी नौकरी और शिक्षा में 10 प्रतिशत आरक्षण देने का ऐलान किया। गुजरात में आरक्षण की यह नई व्यवस्था सोमवार (मकर संक्रांति) से लागू कर दी गई है। इस व्यवस्था का फायदा लगभग डेढ़ करोड़ लोगों को मिलेगा जो कुल आबादी का करीब 28% हैं।
संविधान (103वां संशोधन) अधिनियम के जरिए संविधान के अनुच्छेद 15 और 16 में संशोधन किया गया है। इसके जरिए एक प्रावधान जोड़ा गया है जो राज्य को नागरिकों के आर्थिक रूप से कमजोर किसी तबके की तरक्की के लिए विशेष प्रावधान करने की अनुमति देता है। यह विशेष प्रावधान निजी शैक्षणिक संस्थानों सहित शिक्षण संस्थानों, चाहे सरकार द्वारा सहायता प्राप्त हो या न हो, में उनके दाखिले से जुड़ा है।