प्रदूषण को लेकर भूजल की समस्या लगातार बढ़ती जा रही है। भूजल पर आयोजित 7वें अतराष्ट्रीय सम्मेलन दिवस
पर केंद्रीय जल संसाधन और नदी विकास मंत्री नितिन गडकरी ने कहा कि जल के पूनरगठन से जल की समस्या को कम किया जा सकता है। इस सम्मेलन में उन्होने कहा कि केंद्र सरकार लोगों को स्वस्थ्य पेय जल उपल्बद करा रही है।
जल स्रोतों के सटीक संरक्षण और भंडारण की आवश्यकता पर पूरी तरह बल देते हुए कहा कि इससे किसानों की कृषि आय बढ़ेगी और औद्योगिक उत्पादन तथा रोजगार सृजन में अत्यधिक वृद्धि होगी।
गडकरी ने कहा कि हर जिले और क्षेत्र का भूविज्ञान बहुत अलग है और इसके लिए क्षेत्रवार सूक्ष्म नियोजन की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि वैज्ञानिकों को जल भंडारण और संरक्षण के लिए आर्थिक और तकनीकी रूप से व्यवहार्य समाधान अवश्य ढूंढने चाहिए।
इस सम्मेलन में पेयजल और स्वच्छता मंत्री उमा भारती, जल संसाधन, नदी विकास और गंगा संरक्षण राज्य मंत्री अर्जुन राम मेघवाल तथा डॉ. सत्यपाल सिंह भी सामिल हुए। उमा भारती ने इस सम्मेलन में कहा कि लोगों को पानी के प्रती अपनी जिम्मेदारी समझनी चाहिए। इसके साथ ही उमा भारती ने जल असंतुलन के प्रबंधन के लिए साहसी कदम उठाने पर भी जोर दिया।