देश को कुपोषण से मुक्त करने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में शुक्रवार को कैबिनेट बैठक की राष्ट्रीय पोषण मिशन की स्थापना को मंजूरी दे दी गई है। देश को कुपोषण मुक्त बनाने के लिए अगले तीन वर्षों के लिए इस मिशन के तहत 9046.17 करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे।
महिला एवं बाल विकास मंत्री मेनका गांधी ने कैबिनेट में हुई बैठक के दौरान हुई बात -चित में बताया की इस कार्यक्रम से लगभग 10 करोड़ से अधिक लोगों को लाभ पहुंचेगा।
इस योजना के तहत वर्ष 2017-18 में 315, वर्ष 2018-19 में 235 और वर्ष 2019-20 में शेष जिलों को शामिल किया जाएगा। इस योजना के तहत अल्प पोषाहार, रक्त की कमी, एवं जन्म के समय बच्चे के वजन कम होने जैसे मामलों को खत्म करने के उपाय तलाशे जाएंगे।
इस योजना के तहत स्मार्ट फोन जैसे सूचना प्रौद्योगिकी आधारित उपकरणों का इस्तेमाल करने के लिए आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं को प्रोत्साहन राशि भी दी जाएगी। महिला और बाल विकास सचिव आर के श्रीवास्तव के अनुसार मिशन से लाभ हासिल करने के लिए आधार कार्ड जरूरी है। इस मिशन की शुरुआत जनवरी से की जाएगी। इसके तहत 6 राज्यों के 162 पिछड़े जिले शामिल होंगे। 2018- 2019 में 235 जिले शामिल होंगे।