बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने बुधवार को बिहार राज्य शिक्षा वित्त निगम के उद्?घाटन समारोह को संबोधित करते हुए कहा कि बिहार सरकार गरीब वर्ग के बच्चों व छात्रों को उच्य शिक्षा दिलाने के लिए चार प्रतिशत ब्याज पर 12वीं के बाद की पढ़ाई के लिए अधिकतम चार लाख रुपए कर्ज देने जा रही है। उन्होंने कहा कि अगर पढ़ाई के बाद किन्हीं कारणों से छात्र कर्ज लौटा पाने में नाकाम रहेंगे तो सरकार रकम माफ करने पर भी विचार करेगी। इसके साथ ही उन्होने कहा कि महिला, नि:शक्त और ट्रांसजेंडर को 1 प्रतिशत ब्याज पर शिक्षा कर्ज दिया जाएगा।
बता दें कि नीतीश सरकार निगम के जरिए कर्ज देने का फैसला किया है। निगम में मुख्य कार्यपालक पदाधिकारी और अन्य कर्मियों की तैनाती कर दी गई है। उच्च शिक्षा में बिहार का ग्रॉस इनरॉलमेंट रेशियो 13.9 से बढ़ कर 14.3% हो गया है। हम इसे बढ़ा कर 30% करना चाहते हैं।
उन्होने समाहरोह में कहा कि गरीबी के कारण बच्चे 12वीं के बाद पढ़ नहीं पाते। स्टूडेंट क्रेडिट कार्ड से परेशानी खत्म हो गई है। हमने महसूस किया कि लड़की अगर पढ़ जाए तो जन्म दर घट जाती है। लड़की मैट्रिक पास हो तो देश और बिहार में जन्म दर 2 है। लेकिन लड़की प्लस-टू कर जाए तो राष्ट्रीय स्तर पर जन्म दर 1.7 है जबकि बिहार में यह घट कर 1.6 हो जाती है।