सरकार ने प्याज के आयात की प्रक्रिया शुरु की

Aazad Staff

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प्याज की कीमतें एक बार फिर से बढ़ी, 50 रुपये किलो से ऊपर।

प्याज का भंडार 31 दिसंबर तक नहीं किया जा सकता केंद्र सरकार ने जमाखोरी रोकने और उपभोक्ताओं की सुविधा के लिए ये फैसला लिया है। साथ ही केंद्र सरकार ने सार्वजनिक प्रणाली के तहत प्याज बेचने को कहा। महाराष्ट्र और दूसरे राज्यों को प्याज खरिद के बाद कम कीमतों पर बेचने को कहा गया है।

केंद्रीय मंत्री राम विलास पासवान ने कहा कि महाराष्ट्र से 10000 टन भेजने को कहा गया है और विदेश से आने में डेढ़ महीना लगता है। पासवान ने बताया कि प्याज के निर्यात पर इंसेंटिव कम किया है और न्यूनतम निर्यात मूल्य बदलने से निर्यात गिरा है। उन्?होंने बताया कि निर्यात कुछ दिन में 4000 टन से 136 टन पर आ गया है। उन्?होंने कहा कि राजस्थान और मध्य प्रदेश से प्याज की नए प्याज की आवक के साथ इसके दाम में कमी आएगी।

पासवान ने कहा कि दिल्ली सरकार से नाफेड के प्रस्ताव पर विचार करने को कहा गया है. नाफेड ने राष्ट्रीय राजधानी में राशन की दुकानों के जरिये प्याज बेचने के लिये प्याज खरीदने का सुझाव दिया है. उन्होंने कहा कि प्याज के दाम में वृद्धि चिंता का विषय है।

वहीं राम विलास पासवान कहा ने कहा कि प्याज की कीमते नासिक, अलवर, कोलापुर, और इंदौर में 28 - 35 रुपए प्रती कीलों बिक रहा है। इसके सात ही उन्होने कहा कि सरकार ने प्याज के आयात की प्रक्रीया भी शुरि कर दी है।

मीडिया को संबोधित करते हुए पासवान ने कहा कि हमने दिल्ली और अन्य शहरों में वितरण के लिये महाराष्ट्र सरकार से केंद्र की तरफ से 10,000 टन प्याज खरीद का आग्रह किया है। उन्होंने कहा कि आपूर्ति बढ़ने के साथ टमाटर के दाम भी नरम होने शुरू होंगे।

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