इलेक्ट्रिक वाहनों को बढ़ावा देने के लिए सरकार ने शुक्रवार को मोटर वाहन अधिनियम में संशोधन का प्रस्ताव किया है जिसके तहत १५ साल से ज्यादा पुराने वाहनों को उपयोग से हटाकर कबाड़ में भेजने का प्रावधान किया गया है। इस अधिनियम के तहत सरकार की योजना है कि १५ साल पुराने वाहनों के ठीक-ठाक होने के प्रमाणपत्र का नवीनीकरण हर छह माह में कराया जाए। अभी यह नवीनीकरण कराने की समयसीमा एक साल है।
बता दें कि १५ साल पुराने वाहनों के ठीक-ठाक होने की जांच करने और इसका प्रमाणपत्र नवीनीकृत करने के शुल्क को भी बढ़ा दिया गया है। मसौदे के मुताबिक मध्यम और भारी मोटर वाहन श्रेणी के तहत नवीनीकृत प्रमाणपत्र के लिए मैनुअल वाहनों के लिए जांच शुल्क १२०० रुपए और स्वचालित वाहनों के लिए २००० किए गए है।
वहीं बैटरी से चलने वाले वाहनों के लिए पंजीकरण प्रमाणपत्र के नवीनीकरण में छूट दी जाएगी और उन्हें नया पंजीकरण दे दिया जाएगा। मध्यम और भारी श्रेणी वाहन में नए वाहनों के लिए पंजीकरण शुल्क २०.००० रुपए रखने और नवीनीकरण के लिए ४०.००० रुपए तय करने का प्रस्ताव है।
इसी प्रकार चार या उसे अधिक पहियों वाले आयातित मोटर वाहनों के नए वाहन पंजीकरण का शुल्क २०.००० रुपए और नवीनीकरण के लिए ४०,००० रुपए तय किया गया है।