नरोदा पाटिया नरसंहार मामले में बीजेपी की पूर्व नेता माया कोडनानी को गुजरात हाई कोर्ट ने दोषमुक्?त कर दिया है। बता दें कि निचली अदालत ने उन्?हें दोषी करार देते हुए उम्रकैद की सजा सुनाई थी। जिसके बाद माया कोडनानी ने इस मामले को हाई कोर्ट में चुनौती दी। इस केस की जांच कर रहे जस्टिस हर्षा देवानी और जस्टिस एएस सुपेहिया ने अपने फैसले में कहा कि कोडनानी के खिलाफ आरोप साबित नहीं हुए। दंगों के दौरान माया कोडनानी के इलाके में रहने के कोई सुबूत नहीं मिले हैं लिहाजा उन्हे कोर्ट से बरी कर दिया गया है।
वहीं इस मामले में गुजरात होईकोर्ट की खंडपीठ ने 2002 में गोधरा कांड के बाद हुए नरोदा पाटिया में एक नरसंहार के जुर्म में बाबू भाई पटेल उर्फ बाबू बजरंगी की उम्र कैद की सजा को बरकरार रखा है। बता दें कि बाबू भाई पटेल को निचली अदालत में उम्र कैद की सजी सुनाई गई थी।
गौरतलब है 28 फरवरी, 2002 में अहमदाबाद के नरोदा पाटिया में दंगा भड़का था जिसमें 90 से ज्यादा लोगों की मौत हो गई थी जबकि 30 से ज्याद लोग घायल हुए थे। बता दें कि नरोदा पाटिया नरसंहार मामले में कोर्ट ने अगस्?त 2012 में 32 लोगों को दोषी करार दिया था।