राजद प्रमुख लालू प्रसाद यादव के चारा घोटाले के चाईबासा कोषागार गबन मामले में बुधवार को फैसला आना है। इस मामले में रांची के सीबीआई के विशेष न्यायाधीश एसएस प्रसाद की अदालत में आज सुनवाई होनी है। चाईबासा कोषागार से साल 1992-93 में 33 करोड़ 13लाख 67हज़ार 534 रुपए की अवैध निकासी हुई थी। जबकि कोषागार में कुल आवंटन 7.10 लाख रुपया ही था।
गौरतलब है कि इस मामले में 12 दिसंबर 2001 को चार्जशीट दाखिल की गई थी जिसके तहत 76 आरोपी पर मामला दर्ज किया गया था। हालांकि इसमामले में 14 आरोपियों की मौत पूर्व में हो चुकी है। जबकि 3 आरोपी सरकारी गवाह बन गए। जिनमें दीपेश चांडक,आर के दास, शैलेश प्रसाद सिंह हैं। वहीं इस मामले में 2 आरोपियों ने अपना जुर्म स्वीकार कर लिया था, जिसके बाद उन्हें सजा हो चुकी है। सजा पाने वाले आरोपी सुशील झा और प्रमोद कुमार जायसवाल हैं। वहीं एक आरोपी फूल सिंह को भगोड़ा घोषित किया जा चुका है।
बहरहाल इस मामले में 56 आरोपी ट्रायल फेस कर रहे हैं । उनमें तत्कालीन मुख्यमंत्री लालू प्रसाद और डॉ. जगरनाथ मिश्रा समेत 6 राजनीतिज्ञ हैं। तीन आईएएस, 6 पशुपालन विभाग के अधिकारी, एक कोषागार पदाधिकारी और 40 आपूर्तिकर्ता आरोपी हैं। जिनपर फैसला आना है।
बता दे कि देवघर कोषागार से फर्जीवाड़ा करके अवैध ढंग से धन निकालने के इस मामले में लालू प्रसाद यादव एवं अन्य के खिलाफ सीबीआई ने आपराधिक षड्यन्त्र, गबन, फर्जीवाड़ा, साक्ष्य छिपाने, पद के दुरुपयोग आदि से जुड़ी भारतीय दंड संहिता की धाराओं 120बी, 409, 418, 420, 467, 468, 471, 477ए, 201, 511 के साथ भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की धारा के तहत मामला दर्ज किया था।