चक्रवाती तूफान 'फानी' बंगाल की खाड़ी से उठा है। फानी तूफान का मतलब है सांप और इसे यह नाम बांग्लादेश से मिला है। इसका स्थानीय उच्चारण फोनी बताया जा रहा है। हालांकि इससे पहले भी भारत में आए कई चक्रवाती तूफान के नाम आपने सुने होंगे इनमें निलोफर, तितली, बिजली, जल आदि शामिल है। ऐसे में क्या आपने कभी सोचा है कि इन चक्रवाती तूफान के नाम ऐसे क्यों होते है और इनका नमकरण कौन करता है। अगर नहीं तो आज हम आपको इस लेख में इससे जुड़ी जानकरी देने जा रहे है। तो आइये जानते है -
फानी चक्रवात का मतलब ?
फानी तूफान उत्तर हिंद महासागर में उठ रहा है। ऐसे में इसका नाम रखने की जिम्मेदारी इस क्षेत्र में आनेवाले देशों की थी। जिसमें बांग्लादेश भी शामिल है। फानी को उसका नाम बांग्लादेश द्वारा ही मिला है। इसका मतलब होता है सांप।
कैसे तय होता है तूफान का नाम?
आधिकारिक तौर पर तूफानों का नाम रखने का प्रचलन १९५३ में हुआ था। हालांकि, हर तूफान का नाम नहीं रखा जाता। नाम सिर्फ उसी तूफान को दिया जाता है जिसकी तीव्रता कम से कम ६३ किलोमीटर प्रति घंटा हो। इसके अलावा जिनकी तीव्रता ११८ किलोमीटर प्रति घंटा तक चली जाती है उन्हें गंभीर तूफान माना जाता है। वहीं २२१ किलोमीटर प्रति घंटा की रफ्तार पर तूफान को सुपर चक्रवाती तूफान कहा जाता है।
भारत में तूफानों का नाम देने का चलन २००४ से शुरू हुआ। भारत के साथ-साथ पाकिस्तान, बांग्लादेश, श्रीलंका, मालदीव, म्यांमार, ओमान और थाइलैंड ने भी तूफानों का नाम देने का फॉर्मूला तैयार किया। इन ८ देशों की ओर से सुझाए गए नामों के पहले अक्षर के अनुसार उनका क्रम तय किया जाता है और उसी क्रम के अनुसार चक्रवातों के नाम रखे जाते हैं।
इन सभी आठ देशों ने वर्ल्ड मेट्रोलॉजिकल ऑर्गनाइजेशन (World Meteorological Organization) को तूफानों के नाम की लिस्ट दी हुई है बता दें कि अमेरिका हर साल तूफानों के २१ नामों की सूची तैयार करता है।
हालांकि अंग्रेजी के हर एल्?फाबेट से एक नाम रखा जाता है। लेकिन Q,U,X,Y और Z एल्?फाबेट से तूफान का नाम रखने की परंपरा नहीं है। अगर एक साल में २१ से ज्?यादा तूफान आएं तो फिर उनका नाम ग्रीक अल्?फाबेट अल्?फा, बीटा, गामा के नाम से रख दिया जाता है। इन नामों में ऑड-ईवन का फॉर्मूला अपनाया जाता है. जैसे ऑड सालों में चक्रवात का नाम औरतों के नाम पर रखा जाता है, जबकि ईवन सालों में आए तूफान के नाम पुरुषों पर आधारित होते हैं।