महाराष्ट्र : मराठा आरक्षण का रास्ता साफ, महाराष्ट्र सरकार ने बिल को दी हरी झंडी

Aazad Staff

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महाराष्ट्र विधानसभा का शीतकालीन सत्र सोमवार से शुरु हो रहा है। इस सत्र में काफी गर्मा गर्मी देखने को मिल सकती है। इस सत्र में सबसे खास मुद्दा आरक्षण रहेगा। वहीं विपक्षी पार्टियां राज्य में सूखे से लेकर कर्ज़ माफ़ी तक के मुद्दों को उठाने वाली है।

महाराष्ट्र में आरक्षण को लेकर मराठा समाज की लड़ाई अब जल्द ही खत्म होने वाली है। महाराष्ट्र की देवेंद्र फडणवीस कैबिनेट ने मराठा आरक्षण को मंज़ूरी दे दी है। इस मौके पर महाराष्ट्र के सीएम देवेंद्र फडणवीस ने कहा कि हमें पिछड़ा वर्ग आयोग की तीन सिफारिशें एक साथ मिली थीं। जिसपर विचार के बाद मराठा समुदाय को स्वतंत्र आरक्षण देने का फैसला लिया गया है। फडणवीस ने कहा कि हमने सिफारिशों को स्वीकार कर लिया है। और उन्हें लागू करने के लिए वैधानिक कदम उठाने के लिए एक कैबिनेट उप-समीति गठित की है।

मराठा समुदाय को एसईबीसी के तहत से अलग से आरक्षण दिया जाएगा। बता दें कि कितने प्रतिशत तक आरक्षण दिया जाएगा इसकी फिलहाल अभी तक कोई जानकारी नहीं दी गई है। बिते गुरुवार को राज्य पिछड़ा वर्ग आयोग ने अपनी रिपोर्ट मुख्य सचिव को सौंप दी थी। इस रिपोर्ट में मराठों को 16 फीसद आरक्षण देने की सिफारिश की गई। रिपोर्ट में उल्लेख किया गया है कि महाराष्ट्र में 30 प्रतिशत आबादी मराठों की है, इस वजह से उनको सरकारी नौकरियों में आरक्षण दिये जाने की आवश्यकता है।

बता दें कि अगर सरकार इस आरक्षण को लागू कर देती है तो राज्य में सभी श्रेणी को मिलाकर कुल 68 फीसदी आरक्षण हो जाएगा, जबकि वर्तमान में राज्य में 52 प्रतिशत आरक्षण है। यह समुदाय पिछले कुछ सालों से अपने लिए आरक्षण की मांग कर रहा है।

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