बिहार में सुशासन की बात करने वाले मुख्यमंत्री नितिश कुमार के दौरे के बाद भी चमकी बुखार या इंसेफेलाइटिस से मरने वाले बच्चों की संख्या लगातार बढ़ती ही जा रही है। मंगलवार शाम तक मुजफ्फरपुर में चमकी बुखार से १११ बच्चों की मौत हो चुकी है। और अभी भी ४५० से ज्यादा बच्चे अस्पताल में भर्ती हैं। वहीं पिछले २४ घंटों में ७५ से ज्यादा नए मरीजों को भर्ती कराया गया है। हैरानी की बात है कि न तो अब तक डॉक्टर्स और न ही सरकार तय कर पाई है कि यह कौन सी बीमारी है लेकिन इलाके के आसपास के लोगो ने इसे चमकी बुखार का नाम दिया है।
वहीं इस बीमारी का मामला अब सुप्रीम कोर्ट तक पहुंच गया है। दो वकीलों में शीर्ष अदालत में पीआईएल दाखिल की है। याचिका में मांग की गई है कि बीमारी से प्रभावित इलाकों में केंद्र और राज्य सरकार को ५०० आईसीयू बनाने का आदेश दिया जाए। मेडिकल बोर्ड का गठन किया जाए और १०० मोबाइल आईसीयू मुजफ्फरपुर भेजे जाएं।
क्या है चमकी बुखार -
ये एक संक्रामक बीमारी है. इस बीमारी के वायरस शरीर में पहुंचते ही खून में शामिल होकर अपना प्रजनन शुरू कर देते हैं. शरीर में इस वायरस की संख्या बढ़ने पर ये खून के साथ मिलकर व्यक्ति के मस्तिष्क तक पहुंच जाते हैं. मस्तिष्क में पहुंचने पर ये वायरस कोशिकाओं में सूजन पैदा कर देते हैं. जिसकी वजह से शरीर का 'सेंट्रल नर्वस सिस्टम' खराब हो जाता है
चमकी बुखार के लक्षण -
१- बेहोशी आना
२. सिर में लगातार हल्का या तेज दर्द
३. अचानक बुखार आना
४. पूरे शरीर में दर्द होना
५. जी मिचलाना और उल्टी होना
६. बहुत ज्यादा थका हुआ महसूस होना और नींद आना
७. दिमाग का ठीक से काम न करना और उल्टी-सीधी बातें करना
८. पीठ में तेज दर्द और कमजोरी
९. चलने में परेशानी होना या लकवा जैसे लक्षणों का प्रकट होना।
ऐसे करें बचाव
१. बच्चों को रात में अच्छी तरह से खाना खिलाकर सुलाएं। खाना पौष्टिक होना चाहिए।
२. बच्चों को खाली पेट लीची न खाने दें। अधपकी लीची का सेवन कदापि न करने दें।