दिल्ली: राजधानी दिल्ली समेत पड़ोसी राज्यों हरियाणा और पंजाब में पराली से पैदा होने वाले वायु प्रदूषण को कम करने के लिए केंद्र सरकार ने एक नया हल निकाला है। सरकार ने पराली को ताप बिजली संयत्रों में इस्तेमाल करने का फैसला लिया है । इस सुविधा से किसानों को भी फायदा होगा। आपको बता दें कि एक एकड़ में करीब एक टन पराली होती है। जिसके लिये सरकार प्रति टन का साढे पांच हजार रुपये किसानों को देगी।
पराली धान और गेंहू की फसल कटने के बाद बचे अवशेष को कहते है। पराली का इस्तमाल से अब बिजली बनाई जाएगी। हालांकि अब तक थर्मल पावर स्टेशनों में इंधन के रुप में कोयले का इस्तमाल किया जाता रहा है। ये पहली बार होगा जब एनटीपीसी प्लाट में पराली का इस्तमाल किया जाएगा।
आपको बता दे कि प्लाट में 10 फीसदी पराली जलायी जायेगी। एनटीपीसी इसके लिये बकायदा टैंडर जारी कर किसानों से पराली खरीदेगा । एनटीपीसी साढे पांच हजार रुपये प्रति टन के हिसाब से पराली की खरीद करेगा। इसके साथ ही सरकार सभी पावर स्टेशनों में पराली इस्तेमाल को अनिवार्य करने जा रही है।
आपको बता दे कि एकड़ में करीब दो टन पराली होती है ऐसे में किसानों को 11 हजार रुपये प्रति एकड का फायदा होगा।