बिजली मंत्रालय ने नई ?टैरिफ नीति? के तहत कुछ बदलाव किए है। इस बदलाव के तहत अब उपभोगताओं को बिजली कनेक्शन घर का हो या किसी दुकान या फैक्ट्री का अब अलग-अलग श्रेणी के कनेक्शन के लिए बिजली की अलग-अलग दर नहीं देनी होगी। उपभोगताओं को सभी श्रेणियों के लिए बिजली की दरे एक साथ देनी होंगी। बिजली के इस्तेमाल और लोड के आधार पर बिल चुकाना होगा। इस संदर्भ में बिजली मंत्रालय ने एक प्रस्ताव पेश किया है, जिसपर राज्यों के साथ चर्चा जारी है।
नई नीति अगले साल एक अप्रैल से लागू होने की संभावना जताई जा रही है। बता दें कि अगर कोई व्यक्ति अगर बिजली की अधिक खपत होने के बावजूद कम लोड का बिजली कनेक्शन लेता है और उसकी औसत बिजली खपत अधिक होती है, तो उस पर जुर्माना भी लगाया जाएगा।
पांच स्लैब में बाटा गया है कनेक्शन -
1 .दो सौ यूनिट तक होगा।
2 दो सौ से चार सौ यूनिट,
3. चार सौ से आठ सौ यूनिट,
4 आठ सौ से 12 सौ यूनिट और
5. 12 सौ से अधिक यूनिट का होगा। यहा बता दें कि हर श्रेणी के लिए अलग दर रहेगी।
इन्हे मिल सकता है सब्सिडी का लाभ -
इस नये नियम के मुताबिक, राज्य सरकार दो किलोवाट या अधिकतम पांच किलोवाट के कनेक्शन पर हर माह सब्सिडी दे सकती है। हालांकि कोई उपभोक्ता तय यूनिट से अधिक बिजली खपत करता है तो, उसे इस सब्सिडी का लाभ नहीं मिल सकेगा।