बायोमेडिकल वेस्ट के नियमों की अनदेखी करने वाले अस्पतालों पर दिल्ली प्रदूषण नियंत्रण समिति (डीपीसीसी) ने कड़ा रुक इख्तियार करते हुए राजधानी दिल्ली में १२ अस्पतालों को बंद करने का नोटिस जारी किया है। डीपीसीसी (दिल्ली प्रदूषण नियंत्रण समिति) की एक टीम ने अस्पतालों में छापामार कार्रवाई की थी। इसी में इन अस्पतालों में बॉयोमेडिकल वेस्ट के नियमों का उल्लंघन पाया गया। इसी रिपोर्ट के बाद डीपीसीसी ने बड़ा निर्णय लेते हुए इन सभी १२ अस्पतालों पर ताला लगाने का निर्देश जारी किया है।
इन अस्पतालों से कई टन कचरा रोज निकलता है। यह कचरा पर्यावरण के लिए सबसे नुकसानदेह है। इसलिए इसके लिए काफी सख्त नियम बनाए गए हैं। अस्पताल में भर्ती हर मरीज से रोज औसत डेढ़ किलो कचरा निकलता है। इस कचरे में ४७ फीसदी जीव-चिकित्सा संबंधी होता है। इसमें रोग फैलाने वाले कीटाणु की वजह से इसे सबसे खतरनाक श्रेणी में रखा गया है।
इसकी चपेट में आने वालों को एड्स व कैंसर जैसी घातक बीमारियां हो सकती हैं। इसलिए बॉयोमेडिकल कचरे के लिए कई कड़े नियम और मानक तय किए गए हैं, लेकिन अस्पताल संचालक इन नियमो का उल्लंघन करने से बाज नही आते। बता दें कि डीपीसीसी ने नियमों के उल्लंघन के मामले में कुल ५६ संस्थानों की पहचान की है। हालांकि अभी केवल १२ अस्पताल को बंद करने का नोटिस जारी किया गया है।
इन अस्पतालों पर लटकेंगे ताले -
? जेएमसी हॉस्पिटल
? जन कल्याण हॉस्पिटल
? आस्था मेडिकल सेंटर
? ऑरेंज ट्री
? एसबी हेल्थकेयर
? फराज हॉस्पिटल
? आबिदीन मेडिकल सेंटर
? मौजीराम लॉयन्स आई हॉस्पिटल
? भारद्वाज हॉस्पिटल
? ओम शिव शक्ति मान नर्सिंग होम
? मेडिकेयर हॉस्पिटल और
? इकबाल फेरी मेडिकल सेंटर