दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के जीवन पर बनी डॉक्यूमेंट्री फिल्म "एन इंसिग्निफिकेंट मैन" की रिलीज पर रोक लगा दी गई थी। इस फिल्म को लेकर सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की गई थी जिसे सुप्रीम कोर्ट ने खारिज कर दिया है। सुप्रीम कर्ट ने फिल्म पर लगे प्रतिबंद को खारिज करते हुए कहा कि कलाकारों की आजादी के मामले में हस्तक्षेप करने में अत्यधिक निष्क्रियता बरती जाए।
आपको बता दे कि यह फिल्म 17 नवंबर यानी की आज रिलीज हो रही है। चीफ जस्टिस दीपक मिश्रा, जस्टिस एएम खानविलकर और जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ की बेंच ने फिल्मों को लेकर कहा कि फिल्म का यह अर्थ केवल ये नहीं की उसमें शुद्धतावादी होना ही जरुरी है। इसके साथ ही उन्होने कहा कि फिल्म की अभिव्यक्ति ऐसी होनी चाहिए कि वह दर्शक को प्रभावित कर सके।
सुप्रीम कर्ट में फिल्म को लेकर दायर याचिका के तहत पीठ ने निर्देशक संजय लीला भंसाली की फिल्म 'पद्मावती' के विरोध को लेकर व हिंसा को गलत बताया है। गौरतलब है कि फिल्म 'पद्मावती' की रिलीज पर स्टे लगाने की याचिका को सुप्रीम कर्ट ने खारिज करते हुए कहा था कि ये मामला सेंट्रल बोर्ड ऑफ फिल्म सर्टिफिकेशन और फिल्म सर्टिफिकेशन अपेलट ट्राइब्यूनल के अधिकार क्षेत्र का है।
सुप्रीम कोर्ट ने न्यायाधीश दीपक मिश्रा की अध्यक्षता वाली तीन सदस्यीय पीठ ने कहा कि फिल्म, नाटक, उपन्यास और किताब लेखन एक सृजनात्मक कला पर आधारित है। कोई भी रचनात्मक व्यक्ति अपने विचारों को अपनी कला के माध्यम से व्यक्त कर सकता है। इसके लिए उसे रोका नहीं जाना चाहिए।