पश्चिम बंगाल के कोलकाता के एनआरएस मेडिकल कॉलेज में डॉक्टरों की पिटाई के बाद देश भर में डाक्टरों का विरोध प्रदर्शन देखने को मिल रहा है। पश्चिम बंगाल के डॉक्टरों का समर्थन करते हुए राजधानी दिल्ली में मेडिकल एसोसिएशन (DMA) ने हड़ताल बुलाई है। बता दें कि हड़ताल का सबसे ज्यादा असर ऐम्स जैसे बड़े अस्पतालों पर देखने को मिल रहा है। यहां ओपीडी में नए मरीजों का इलाज नहीं किया जा रहा है। वहीं महाराष्ट्र, पंजाब, केरल, राजस्थान, बिहार और मध्य प्रदेश में भी डॉक्टरों ने काम करने से मना कर दिया है। उनका कहना है कि वह साइलेंट प्रोटेस्ट करेंगे।
बता दें कि बुधवार को सीए ममता बनर्जी ने अल्टीमेटम दिया था कि ४ घंटे के अंदर अगर काम पर नहीं लौटते है तो उन्हें इस्तीफा देना होगा। ममता के इस आदेश को डॉक्टरों ने दरकिनार करते हुए हड़ताल जारी रखी और अब कोलकाता के एसएसकेएम अस्पताल के चार प्रोफेसरों ने इस्तीफा दे दिया है। तो सागर दत्ता मेडिकल कॉलेज के १८ डॉक्टरों ने भी इस्तीफा दे दिया और जिस एनआरएस मेडिकल कॉलेज में हंगामा हुआ उसके प्रिंसिपल ने भी अपाना इस्तीफा सौंप दिया है।
वहीं कोलकाता के आरजी कार मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल के १६ डॉक्टरों ने पद से इस्तीफा दे दिया है। जिसमें उन्होंने कहा है, 'मौजूदा स्थिति में हम सेवा प्रदान करने में असमर्थ हैं। इसलिए हम अपनी ड्यूटी से इस्तीफा देना चाहते इस्तीफे से घबराई ममता बनर्जी अब इस्तीफा वापस लेकर काम पर लौटने की गुजारिश कर रही है लेकिन डॉक्टर सुरक्षा की गारंटी चाहते हैं।
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉक्टर हर्षवर्धन ने पश्चिम बंगाल घटना के बाद जारी देशभर के डॉक्टरों की हड़ताल पर कहा, 'मैं डॉक्टरों से कहना चाहता हूं कि सरकार उनकी सुरक्षा को लेकर प्रतिबद्ध है। मैं डॉक्टरों से केवल प्रतीकात्मक विरोध प्रदर्शन करने और अपने कर्तव्यों का पालन करने की अपील करता हूं।'
बता दें कि, कोलकाता के एनआरएस मेडिकल कॉलेज में इलाज के दौरान एक ७५ वर्षीय बुजुर्ग की मौत हो गई थी। बुजुर्ग के परिवार वालों ने डॉक्टर पर लापरवाही का आरोप लगाया और डॉक्टरों की पिटाई कर दी। आरोप है की करीब २०० लोग ट्रको में भरकर आए और अस्पताल पर हमला कर दिया। इस हमले में दो जूनियर डॉक्टर बुरी तरह से घायल हो गए थे। डॉक्टरों पर हुए हमले के विरोध में कोलकाता समेत देश भर में डॉक्टर अपनी सुरक्षा व बचाव के लिए प्रदर्श कर रहे है।