सरकार ने सोमवार सार्वजनिक क्षेत्र के तीन बैंकों-बैंक आफ बड़ौदा, विजया बैंक और देना बैंक का आपस में विलय करने का फैसला किया है। इसकी घोषणा वित्त मंत्री अरुण जेटली ने करते हुए कहा कि इससे बैंक और मजबूत होंगे और उनके कर्ज देने की क्षमता और अधिक बढ़ेगी। विलय के साथ ही यह देश का तीसरा सबसे बड़ा बैंक हो जाएगा। सरकार की 21 बैंकों में बहुलांश हिस्सेदारी है। इन बैंकों की एशिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था की बैंक परिसपंत्ति में दो तिहाई से अधिक हिस्सेदारी है।
बता दें कि सरकार द्वारा लिया गाया यह निर्णय बैंकों की कर्ज देने की ताकत उबारने और आर्थिक वृद्धियों को गति देने के प्रयासों का एक हिस्सा है। उल्लेखनीय है कि पिछले साल भारतीय स्टेट बैंक ने अपनी पांच अनुषंगी इकाइयों का स्वयं में विलय किया था। डूबे कर्ज के कारण बैंकिंग सेक्टर प्रभावित है और वैश्विक बासेल- तीन पूंजी नियमों के अनुपालन के लिए अगले दो साल में करोड़ों रुपये चाहिए।
बहरहाल एसबीआई की तरह ही विलय से तीनों बैंकों के कर्मचारियों की मौजूदा सेवा शर्तों पर कोई प्रतिकूल प्रभाव नहीं पड़ेगा। तीनों बैंक विलय के बाद भी स्वतंत्र रूप से काम करते रहेंगे।