रांची के मिशनरीज ऑफ चैरिटी के केंद्रों से बच्चे बेचने की बात का मामला जोर पकड़ता जा रहा है। बीजेपी और आरएसएस के नेता ने मिशनरीज ऑफ चैरिटी में बच्चों की बिक्री को लेकर इस मामले में दोषी पाए जाने पर मदर टेरेसा से भारत रत्न की उपाधि वापस लेने की मांग कर डाली है।
वहीं भाजपा नेता सुब्रमण्यन स्वामी ने भी आरएसएस नेता का समर्थन किया है। सुब्रमण्यन स्वामी ने कहा कि ?वह 100 प्रतिशत आरएसएस नेता की बात का समर्थन करते हैं।? ?ब्रिटिश लेखक क्रिस्टोफर हर्चेन्स ने अपनी किताब ?द मिशनरीज पोजिशनः मदर टेरेसा इन थ्योरी एंड प्रैक्टिकल? में मदर टेरेसा द्वारा किए गए सारे फ्रॉड को डॉक्युमेंटिड किया है।?
मदर टेरेसा को पिछले साल ही वेटिकन से संत की उपाधि मिली है. तुली ने कहा कि मदर टेरेसा ने कभी भी 'लोक कल्याण के लिए काम नहीं किया।
मिशनरीज ऑफ चैरिटी के केंद्रों से जुड़ा यह है पूरा मामला-
इसी साल मई केमहीने में मिशनरीज ऑफ चैरिटी से जुड़े होम से एक नवजात शिशु को एक दंपति ने 1.20 लाख रुपए में लिया था। इस दंपति से नवजात के जन्म और चिकित्सा देखभाल के नाम पर ये रकम ली गई थी। दंपति का आरोप है कि चैरिटी संस्थान की ओर से ये आश्वासन देकर बच्चा वापस ले लिया कि प्रक्रिया पूरी होने के बाद बच्चा लौटा दिया जाएगा। जब बच्चा वापस नहीं मिला तो दंपति ने इसकी शिकायत चाइल्ड वेलफेयर कमेटी से कर दी।