आम आदमी पार्टी (Aam Aadmi Party) की बागी नेता और दिल्ली के चांदनी चौक से विधायक अलका लांबा (अल्का लांबा) ने आम आदमी पार्टी (AAP) छोड़ दी है। अलका लांबा ने अपने आधिकारिक ट्विटर अकाउंट से ट्वीट कर कहा कि उन्होंने आम आदमी पार्टी का साथ छोड़ दिया है। अलका ने लिखा, 'आम आदमी पार्टी (AAP) को गुड बाय कहने और पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा (Resign) देने का समय आ गया है। पिछले छह साल की यात्रा सीखने के लिहाज से काफी अच्छी रही। सभी को धन्यवाद।
गौरतलब है कि यह बात बहुत पहले ही तय हो गई थी कि अलका पार्टी से कभी भी इस्तीफा दे सकती हैं। अलका और पार्टी के बीच लंबे समय से चीजें खराब चल रही थीं। आप संयोजक अरविंद केजरीवाल ने उन्हें सोशल मीडिया से अनफॉलो भी कर दिया था।
दरअसल अलका लांबा और पार्टी के बीच दूरियां तब आनी शुरू हुईं जब उन्होंने दिल्ली विधानसभा में राजीव गांधी से भारत रत्न वापस लिए जाने वाले प्रस्ताव का विरोध किया था। जिसके बाद से ही अलका और आम आदमी पार्टी के बीच तनाव बढ़ता चला गया।
गौरतलब है कि आम आदमी पार्टी में शामिल होने से पहले अलका लांबा कांग्रेस पार्टी की सदस्य रह चुकी हैं, वह कांग्रेस पार्टी की छात्र इकाई नेशनल स्टूडेंट यूनियन ऑफ इंडिया (NSUI) की नेता के तौर पर दिल्ली विश्वविद्यालय में छात्र इकाई के अध्यक्ष पद का चुनाव जीत चुकी हैं। लेकिन दिल्ली में आम आदमी पार्टी का गठन होने के बाद उन्होंने कांग्रेस को छोड़ आम आदमी पार्टी को ज्वाइन कर लिया था।