कमल हासन के खिलाफ दिल्ली हाईकोर्ट ने याचिका की रद्द

Aazad Staff

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दिल्ली हाईकोर्ट ने कमल हासन द्वारा की गई विवादित दिप्पणी “पहला उग्रवादी एक हिंदू था“ पर सुनवाई करने से इनकार कर दिया है। बता दें कि याचिका में चुनावी लाभ के लिए धर्म के दुरूपयोग को लेकर दलों का पंजीकरण रद्द करने और प्रत्याशियों को चुनाव लड़ने पर रोक लगाने की मांग की गई थी।  

दिल्ली हाईकोर्ट ने मक्कल निधि मय्यम पार्टी के अध्यक्ष और अभिनेता कमल हासन के खिलाफ दायर याचिका को खारिज कर दिया है। उनके खिलाफ यह याचिका भाजपा नेता अश्विनी उपाध्याय ने दाखिल की थी। अदालत ने कहा है कि चूंकि मामला तमिलनाडु में घटित हुआ इसलिए याचिकाकर्ता सही स्थान पर संपर्क कर सकते हैं। मालूम हो कि उनके खिलाफ यह याचिका नाथूराम गोडसे को हिंदू आतंकवादी कहे जाने के कारण दायर की गई।

बता दें कि इस यातिका में मांग की गई थी की इस तरह से चुनावी लाभ के लिए धर्म के दुरूपयोग का इस्तेमाल किए जाने के लिए कमल हसन पर पांच दिन की रोक लगे और उनकी पार्टी की मान्यता रद्द की जानी चाहिए।

उल्लेखनीय है कि हासन ने बीते दिनों तमिलनाडु के अरवाकुरिचि में एक चुनावी सभा को संबोधित करते हुए कहा था कि 'मैं ऐसे स्वाभिमानी भारतीय हूं जो समानता वाला भारत चाहता हूं। मैं ऐसा इसलिए नहीं बोल रहा हूं कि यह मुसलमान बहुल इलाका है, बल्कि मैं यह बात गांधी की प्रतिमा के सामने बोल रहा हूं। आजाद भारत का पहला उग्रवादी हिन्दू था और उसका नाम नाथूराम गोडसे है। वहीं से इसकी (उग्रवाद) शुरुआत हुई।

बता दें कि कमल हसन की इस टिप्पणी का एआईएमआईएम के प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने भी समर्थन किया था। ओवैसी ने कहा था कि जिसने राष्ट्रपिता माने जाने वाले महात्मा गांधी की हत्या की, उसे हम क्या कहें।

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