सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को दिल्ली के सरकारी स्कूलों के क्लासरूम में १.५ लाख सी.सी.टी.वी. कैमरे लगाने के निर्णय पर रोक लगाने से साफ इनकार कर दिया है। दरअसल, सुप्रीम कोर्ट में दाखिल याचिका में सरकारी स्कूलों की कक्षाओं में १.५ लाख सीसीटीवी कैमरे लगाने की नीति को चुनौती दी गई थी। यह याचिका नेशनल लॉ यूनिवर्सिटी (National law University) के छात्र अंबर ने दायर की थी। छात्र ने अपनी याचिका में दिल्ली सरकार के इस निर्णय को मौलिक अधिकारों का उल्लंघन बताया था।
सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले के बाद दिल्ली के मुख्य मंत्री अरविंद केजरीवाल ने ट्वीट किया है- पारदर्शिता और छात्रों की सुरक्षा के लिहाज से स्कूलों में सीसीटीवी कैमरों को लगाया जाना जरूरी है। हम सुप्रीम कोर्ट के इस निर्णय का स्वागत करते हैं।'
गौरतलब है कि दिल्ली के सरकारी स्कूलों में सी.सी.टी.वी कैमरे लगाने की तैयारी है। इसके लिए टेंडर प्रक्रिया पूरी कर ली गई है। कम राशि के टेंडर डालने वाली कंपनी का नाम भी सामने आ चुका है। इस परियोजना का काम लेने के लिए तीन कंपनियों ने भाग लिया है। जिसमें भारत इलेक्ट्रोनिक्स लिमिटेड, टाटा ग्रुप की तासे व टैक्नोसिस सिक्योरिटी लिमिटेड शामिल हैं।
मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के नेतृत्व में १८ सितंबर को दिल्ली कैबिनेट ने इसे मंजूरी दी थी। इसके तहत दिल्ली सरकार के १०२८ सरकारी स्कूलों में सीसीटीवी कैमरे लगाए जाएंगे। सरकार द्वारा स्कूलों में १ लाख ४६ हजार ८ सौ सीसीटीवी कैमरे लगाए जाने हैं।