कठुआ गैग रेप मामले के बाद देश के अलग अलग राज्यों में आए दिन मासूम बच्चियों के साथ हो रहे बलात्कार व हत्या के मामले बढ़ते ही जा रहे है। इस तरह के बढ़ते मामलों को देखते हुए सरकार 12 साल तक की बच्ची के साथ रेप के दोषी को मौत की सजा के लिए आज अध्यादेश ला सकती है।
सरकार बच्चों के यौन अपराधों के कानून पॉक्सो में बदलाव कर सकती है। कानून में बदलाव करके बच्चों के बलात्कार के दोषियों को फांसी की सजा का प्रावधान किये जाने की संभावना है। बता दें कि पॉक्सो कानून के आज के प्रावधानों के अनुसार इस जघन्य अपराध के लिए अधिकतम सजा उम्रकैद है, व न्यूनतम सजा सात साल की जेल है।
गौरतलब है कि 2012 में दिल्ली में हुए निर्भया गैंगरेप मामले के बाद क्रिमिनल एक्ट में अध्यादेश लाकर परिवर्तन किया गया था। इसके मुताबिक, दुष्कर्म मामले में महिला की मौत होने या न होने दोनों स्थितियों में दोषी को मौत की सजा का प्रावधान जोड़ा गया है। इसे आपराधिक कानून संशोधन अधिनियम के नाम से जाना जाता है।
एससी/एसटी एक्ट में बदलाव को भी लेकर सरकार आज आध्यादेश ला सकती है। बता दे कि एससी/एसटी एक्ट में किए गए बदलाव के कारण दो अप्रैल को दलित समाज ने भारत बंद किया था जिसके कारण कई राज्यों में हिंसा भड़क उठी थी।