महान स्वतंत्रता सेनानी भोगराजू पट्टाभि सीतारामैया की आज पुण्यतिथि है। इनका जन्म १४ दिसंबर १८८० को आंध्रप्रदेश में नेल्लौर तालुके में एक निर्धन परिवार में हुआ था। । इन्होने दक्षिण भारत में स्वतंत्रता की अलख जगाने में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाई। इन्होने राष्ट्रीय हितों को दूसरे हितों के मुकाबले हमेशा प्राथमिकता दी।
सीतारामैया राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के सहयोगियों में से एक थे। सन 1939 में कांग्रेस अध्यक्ष के निर्वाचन में पट्टाभि सीतारामैया सुभाष चंद्र बोस से पराजित हो गए, तब महात्मा गाँधी ने उनकी हार को अपनी हार कहा। भारत की आज़ादी के बाद वर्ष १९५२ से १९५७ तक वे मध्य प्रदेश के राज्यपाल थे।
सीतारामैया एक लेखक और पत्रकार के तौर पर भी जाने जाते थे। उन्होंने 'भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस' का इतिहास भी लिखा था। एक लेखक के रूप में उन्हें ख्याति प्राप्त थी। उनके द्वारा रचित मुख्य ग्रंथ कई थे जिनमें से कुछ का नाम। था सिक्सटी इयर्स आँफ कांग्रेस, फेदर्स एण्ड-स्टोन्स, नेशनल एजुकेशन आदि।
अनेक कठिन परिस्थितियों के आने पर भी उन्होंने अपनी शिक्षा जारी रखी। उन्होंने अपनी बी.ए. की डिग्री 'मद्रास क्रिश्चियन कॉलेज' से प्राप्त की। आंध्र प्रदेश में 'सहकारिता आंदोलन' और 'राष्ट्रीय बीमा कंपनियाँ' आंरभ करने का श्रेय भी सीतारामैया को जाता है। १७ दिसंबर १९५९ को पट्टाभि सीतारामैया का देहांत हो गया।