आध्यात्मिक गुरु दलाई लामा ने कहना है कि भारत और चीन मिल कर बेहतर काम कर सकते है। रविवार को दिल्ली में तिब्बत के आध्यात्मिक गुरु ने ये दावा किया की चीन और भारत एक दूसरे को मिटा नही सकते और यहीं सच है। उन्होने दोनों देशों को साथ मिल कर काम करने की सलाह दी।
इसके साथ ही दलाई लाम ने कहा कि भले ही ये देश एक दूसरे को पसंद ना करते हो लेकिन इनके पास एक दूसरे के साथ रहने के अलावा भी कोई और चारा नही है। इसके साथ ही उन्होने कहा कि इनसे बहुत कुछ बदलाव की उम्मीद की जा सकती है।
रविवार को स्माइल फाउंडेशन की द वर्ल्ड ऑफ चिल्ड्रेन के उद्घाटन अवसर पर मौजूद थे। इस मौके उन्होंने कहा कि बच्चों में आत्मविश्वास पैदा करना भी जरूरी है, तभी बेहतर पीढ़ी के निर्माण की परिकल्पना की जा सकती है। वर्ष 1959 से भारत में निर्वासन में रह रहे दलाई लामा ने कहा कि भारत व चीन, दोनों में से किसी देश के पास दूसरे को नष्ट करने की क्षमता नहीं है।
उन्होंने कहा कि चीनी बौद्ध ह्वेन त्सांग ने नालंदा का दौरा किया और नालंदा की बौद्ध परंपराओं को चीन ले गए। नालंदा की परंपराओं ने तिब्बत के योद्धाओं को अत्यधिक दयालु, शांतिपूर्ण व अहिंसक के माध्यम से देश में बदलाव आया।