सीएसटी स्टेशन के पास गुरुवार की शाम हुए फुटओवर ब्रिज हादसे में एक बड़ा खुलासा हुआ है। शुरुआती जांच में यह पाया गया है बीएमसी अपने काम में कोताही बरती है। रिपोर्ट में बताया गया है कि पुल के गर्डर पर ज़ंग लगा हुआ था, जिसको बीएमसी के अधिकारियों ने नज़रअंदाज किया और इसी लापरवाही के कारण ये हादसा हुआ है।
रिपोर्ट की मानें तो कुछ समय पहले जब अंधेरी में पुल हादसा हुआ था तब इस पुल का भी ऑडिट हुआ था। ये पुल १९८० में बना था और इसकी जिम्मेदारी बीएमसी के इंजीनियरों के पास थी। हालांकि ऑडिट के बाद बीएमसी को इस पुल को लेकर कुछ सुधार करने को कहा गया था लेकिन उसे ठीक नहीं किया गया था और पुल को बंद भी नहीं किया गया। बता दें कि इस घटना के बाद मुंबई पुलिस ने रेलवे और बीएमसी अधिकारियों के खिलाफ केस दर्ज किया है। ये केस आज़ाद मैदान पुलिस स्टेशन में दर्ज किया गया है। वहीं इस पुल को पुरी तरह से नष्ट कर दिया गया है इसके साथ ही पुल के नीचे का रास्ता फिलहाल बंद रखा गया है।
गुरुवार शाम मुंबई के सीएसटी रेलवे स्टेशन के पास फुटओवर ब्रिज गिरने से ३ महिलाओं समेत कुल ६ लोगों की मौत हो गई है। अभी भी ३० से ज्यादा लोग घायल है। हादसे के बाद सरकार की ओर से मुआवजे का ऐलान हो गया है, हालांकि इसे लेकर शाम से ही राजनीति जारी है। आम चुनाव के कारण राजनीति में आरोप और प्रत्यारोप का सिलसीला जारी है। वहीं बीएमसी और रेलवे के बीच भी पुल की देखरेख को लेकर एक दूसरे पर आरोप लगाए जा रहे है।