कच्चे तेल की कीमतों में १४ प्रतिशत तक की कमी, भारतीय अर्थव्यवस्था के लिए अच्छे संकेत

Aazad Staff

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अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की कीमतों में लगभग १४ प्रतिशत की गिरावट आ चुकी है और भारत के लिए ये एक अच्छी खबर है। अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चा तेल जितना सस्ता होगा, भारतीय अर्थव्यवस्था के लिए उतना ही फायदा होगा।

मोदी सरकार की दूसरी बार सत्ता में वापसी के बाद अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की कीमतों में लगातार गिरावट दर्ज की जा रही है। लोकसभा चुनाव के नतीजे जिस दिन (२३ मई) से आए है उस दिन से अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की कीमतों में लगभग १४ प्रतिशत तक की गिरावट दर्ज की जा चुकी है। वित्त सचिव सुभाष चंद्र गर्ग ने कहा कि तेल की वैश्विक कीमतों में गिरावट, रुपये में स्थिरता तथा गिरती ब्याज दरें आने वाले महीनों में उच्च आर्थिक वृद्धि दर हासिल होने का ठोस संकेत हैं।

वहीं अगर तेल की घटती कीमतों को लेकर अगर ब्रेंट क्रूड की बात करें तो उसकी कीमतों में भी २३ मई से लेकर अबतक १३ प्रतिशत से ज्यादा की गिरावट आ चुकी है। २३ मई को अंतरराष्ट्रीय बाजार में ब्रेंट क्रूड की कीमतों ने ६९.८८ डॉलर प्रति बैरल का ऊपरी स्तर छुआ था और अब यह भाव घटकर ६०.७३ डॉलर प्रति बैरल के निचले स्तर तक आया है।

पेट्रोल और डीजल दाम घटे -

अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की कीमतों में आई गिरावट का ही असर है कि देश में पेट्रोल और डीजल की कीमतों में लगातार गिरावट देखी जा रही है। मंगलवार को लगातार छठे दिन भी पेट्रोल और डीजल की कीमतों में कमी दर्ज की गई। मंगलवार को दिल्ली में पेट्रोल का दाम घटकर ७१.२३ रुपए और डीजल का दाम घटकर ६५.६५ रुपए प्रति लीटर दर्ज किया गया है।

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