नेताओं के खिलाफ लंबित मुकादमों की सुनवाई के लिए 12 विषेश कोर्ट बनाए जाएंगे। जिसका गठन एक वर्ष के लिए किया जाएगा। विधी और न्यायमंत्रालय की तरफ से सुप्रीम कोर्ट ने हलफनामे में ये जानकारी दी है।
विधि एवं न्याय मंत्रालय ने शीर्ष अदालत में दाखिल हलफनामें में कहा कि इस काम के लिए 7.8 करोड़ रुपये आवंटित किये गये हैं। मंत्रालय ने शीर्ष अदालत के एक आदेश के बाद यह हलफनामा दाखिल किया है। न्यायालय ने कहा था कि विधिनिर्माताओं की संलिप्ततावाले मुकदमों के लिए विशेष अदालतें गठित करने की योजना पेश की जाये। केंद्र ने विभिन्न उच्च न्यायालयों और निचली अदालतों में विधिनिर्माताओं के खिलाफ लंबित मामलों का विवरण पेश करने के लिए समय देने का अनुरोध करते हुए कहा कि उच्च न्यायालयों से जानकारी मांगी गयी है और उनके जवाब की प्रतीक्षा है।
शीर्ष अदालत ने एक नवंबर को केंद्र, सांसदों और विधायकों की संलिप्ततावाले 1581 आपराधिक मामलों के बारे में विवरण पेश करने का निर्देश दिया था। इन सांसदों और विधायकों ने 2014 के आम चुनावों के दौरान नामांकन दाखिल करते समय इसकी घोषणा की थी। न्यायलय ने सरकार से यह भी जानना चाहा था कि 1581 मामलों में से एक साल के भीतर कितने मुकदमों का निबटारा किया गया और इनमें से कितने में सजा हुई या अभियुक्त बरी हुए। इस कोर्ट में इनसे जुड़ी तमाम मामलों की जांच की जाएगी।