राष्ट्रीय हरित अधिकरण (एनजीटी) ने केंद्र और पांच उत्तरी राज्यों की सरकारों से पराली जलाने से रोकने के लिए ठोस समाधान निकाले की बात कही है। बुधवार को सुनवाई के दौरान एनटीपीसी ने कहा कि वो फसलों के अवशेष इस्तमाल करने को तैयार है। एनजीटी ने एनटीपीसी समेत दिल्ली, पंजाब, हरियाणा, राजस्थान, उत्तर प्रदेश सरकारों को एमईपी बैठक करने का निर्देश दिया है। पराली के लिए ये बैठक 18 नवंबर को होनी है। इस बैठक का मकसद विद्युत संयंत्रों में पराली के इस्तेमाल और उनके परिवहन पर स्पष्ट रूपरेखा तय करनी है।
पराली को लेकर एनटीपीसी ने पीठ को बताया कि वह विद्युत संयंत्रों फसलो के अवशेषों का इस्तेमाल करना चाहता है पीठ का कहना है कि पराली को संयंत्रों में सीधे ईंधन के स्रोत के तौर पर इस्तेमाल करना संभव बताया है। पीठ ने यह भी कहा कि बैठक में चर्चा होनी चाहिए कि ??क्या हर राज्य को पैलेटाइजेशन संयंत्र बनाने की अनुमति दी जानी चाहिए या नहीं ताकि वे एनटीपीसी द्वारा संचालित ताप विद्युत संयंत्रों के लिए पराली के माध्यम से ईंधन बना सकें।
वहीं हरित पैनल ने पराली के मामले में कहा कि यह विचार किया जाना चाहिए कि क्या राज्यों को स्वतंत्रता दी जानी चाहिए कि वे निजी कंपनियों के मार्फत अपने राज्यों में ऐसे संयंत्रों की स्थापना कर सकें।