लोकसभा चुनाव के दौरान कोलकाता में भाजपा अध्यक्ष और वर्तमान गृह मंत्री अमित शाह की रैली के दौरान हिंसा और आगजनी के बाद विद्यासागर कॉलेज में समाज सुधारक ईश्वर चंद्र विद्यासागर की प्रतिमा को तोड़ दिया गया था। जिसके बाद काफी बयानबाजी और बवाल मच गया था। जगह जगह इसके विरोध में प्रदर्शन किए गए। वहीं ममता ने ईश्वर चंद्र विद्यासागर की प्रतिमा को तोड़े जाने का आरोप भाजपा पर लगाया था।
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने ऐलान करते हुए कहा कि विद्यासागर कॉलेज में समाज सुधारक ईश्वर चंद्र विद्यासागर की नई आवक्ष प्रतिमा लगाई जाएगी। बता दें कि पिछले महीने कुछ शरारती तत्वों ने वहां पहले से लगी उनकी प्रतिमा को तोड़ दिया था। मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कहा था कि राज्य सरकार ११ जून को विद्यासागर की आवक्ष प्रतिमा स्थापित करेगी।
उन्होंने कहा कि इसके अलावा प्रेसीडेंसी विश्वविद्यालय और कलकत्ता विश्वविद्यालय के सामने क्रमश: रवींद्रनाथ टैगोर और आशुतोष मुखर्जी की एक और प्रतिमा स्थापित की जाएगी। बनर्जी ने कहा कि उनकी सरकार विद्यासागर की २०० वीं जयंती मनाने के लिए कई कार्यक्रम आयोजित करेगी।
कौन है ईश्वरचंद विद्यासागर ?
महान दार्शनिक, समाजसुधारक और लेखक ईश्वरचंद विद्यासागर का जन्म २६ सितंबर, १८२० को कोलकाता में हुआ था। वह स्वाधीनता संग्राम के सेनानी भी थे। ईश्वरचंद विद्यासागर को गरीबों और दलितों का संरक्षक माना जाता था। उन्होंने स्त्री शिक्षा और विधवा विवाह कानून के लिए खूब आवाज उठाई और अपने कामों के लिए समाजसुधारक के तौर पर भी जाने जाने लगे, लेकिन उनका कद इससे भी कई गुना बड़ा था।