बिहार में शराबबंदी कानून में बदलाव किया गया है। शराब के क्रय-विक्रय, परिवहन या तैयार करने के आरोप में पहली बार पकड़े जाने पर पांच वर्ष से कम की कैद और एक लाख रुपये तक जुर्माना होगा। वहीं अगर शराब पीते पहली बार पकड़े जाने पर 50 हजार रुपये का जुर्माना या तीन महीने की सजा होगी।
दूसरी बार पकड़े गए तो पूर्व के अपराधों को भी देखा जाएगा। 10 वर्ष के कठोर कारावास से कम तथा पांच लाख रुपये से कम जुर्माना नहीं होगा। अभी तक प्रावधान यह है कि शराब पीते पकड़े जाने पर 10 साल से कम की कैद नहीं होती। विधेयक के आरंभ में ही यह स्पष्ट कर दिया गया है कि संशोधन के प्रावधान सभी लंबित वादों पर भी लागू होंगे।
शराब या मादक द्रव्य का अवैध निर्माण, आयात, निर्यात, परिवहन, कब्जा आदि करने पर पहले कम से कम दस साल की सजा, थी जिसके तहत एक लाख से लेकर दस लाख तक के जुर्माने का प्रावधन था। हालांकि नए प्रावधान में पहली बार पकड़े जाने पर पांच साल की सजा और कम से कम एक लाख जुर्माना। दूसरी बार पकड़े जाने पर दस साल की कठोर सजा और कम-से-कम पांच लाख का जुर्माना लगाया गया है।