दोपहिया की सवारी में अब बच्चों को भी हेलमेट पहनना अनिवार्य कर दिया गया है। प्रावधान केंद्रीय मोटर वाहन संशोधन विधेयक २०१९ (Central Motor Vehicles Amendment Bill, 2019) के तहत केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने लोगों की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए मोटर वाहन अधिनियम में कई बड़े बदलाव किए है। नए प्रावधान के तहत अब दोपहिया वाहन की सवारी करते समय बच्चों को भी हेलमेट पहनना पड़ेगा।
केंद्रीय मोटर वाहन कानून १९८८ में संशोधन के लिए जो विधेयक पेश किया गया, उसमें एक नई धारा १२९ जोड़ी गई है जिसमें प्रावधान किया गया है कि दोपहिया वाहन की सवारी करने वाले चार साल से ऊपर के सभी बच्चों को हेलमेट पहनना पड़ेगा। सड़क दुर्घटना में दोपहिया वाहन पर बैठा व्यक्ति चाहे पुरूष हो, महिला हो या बच्चे, सभी हताहत होते हैं। इसलिए सभी के लिए हेलमेट जरूरी होना चाहिए।
कैसा होना चाहिए हेलमेट -
दोपहिया वाहन की सवारी करते वक्त हेलमेट भी कोई आम नहीं बल्कि आई.एस.आई मार्क का होना चाहिए। सवारी करने वाला बच्चा यदि सिख परिवार का है, तो भी उन्हें हेलमेट पहनना पड़ेगा। हालांकि विधेयक में स्पष्ट किया गया है कि सिख धर्म के व्यक्ति को तभी हेलमेट पहनने से छूट मिलेगी, जब वह पगड़ी बांधे हुए हो।
बच्चों के लिए कार के क्या है नियम -
कार की पिछली सीट पर बैठे बच्चों के लिए भी चाइल्ड रिस्ट्रेंन सिस्टम (Child Restraining System) जरूरी किया जा रहा है। इसके तहत कार में एक बूस्टर या चाइल्ड सीट होनी चाहिए जिसमें बिठा कर बच्चों को बेल्ट लगा दिया जाता है।
इसमें बच्चों के लिए बातों की जवाब देही (Adult Accountability) भी तय कर दी गई है। इसमें स्पष्ट प्रावधान किया गया है कि यदि बच्चे अपने अभिभावक (driver), वैन वाला या रिक्सा वाला, जिनके साथ भी जा रहा है, उनके सुरक्षा की जिम्मेदारी अभिभावन, वैन का ड्राइवर या रिक्सा वाले की होगी।
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