बिहार के १२ जिलों में एक्यूट इन्सेफेलाइटिस सिंड्रोम यानी चमकी बुखार का कहर कम होने का नाम नहीं ले रहा है। अब तक २४ दिनों में ६८ बच्चों की मौत हो चुकी है। इस बीमारी का सबसे ज्यादा असर मुजफ्फरपुर में देखने को मिल रहा है। यहां बीते १२ घंटों में ही छह और बच्चों की मौत हो चुकी है। इनमें मुजफ्फरपुर के SKMCH में ५ और शहर के ही केजरीवाल अस्पताल में १ बच्चे की मौत हो गई। यानी अब तक कुल ६८ बच्चों की मौत हो चुकी है।
मुजफ्फरपुर के सिविल सर्जन डॉ. शैलेश प्रसाद ने गुरूवार देर शाम बताया कि हाइपोग्लाइसीमिया और अन्य अज्ञात बीमारी से मरने वाले बच्चों की संख्या बढकर अब ६८ हो गयी है जबकि जनवरी से अब तक कुल २०३ बच्चे इसकी चपेट में आए हैं। शैलेश ने बताया कि बीमार बच्चों में से अधिकांश हाइपोग्लाइसीमिया (खून में चीनी की कमी) से ग्रसित हैं।
डॉक्टरों के मुताबिक मात्र १५ वर्ष से कम उम्र के बच्चे ही इस बीमारी के चपेट में आ रहे हैं। ज्यादातर मरने वाले बच्चों में १ से ७ साल के बीच के बच्चे ही हैं।
इस बीमारी का मुख्य लक्षण-
तेज बुखार,
बेहोशी
दस्त और उल्टी
बच्चों के शरीर में रह-रह कर कंपन होना मुख्य लक्षण है।