दिल्ली: देश के ग्रामीण बैंकों को पूरी तरह से डिजिटल बनाने के लिए ?दर्पण? यानी की (डिजिटल एडवांसमेंट आफ रूरल पोस्ट आफिस फार ए न्यू इंडिया) कार्यक्रम नाम की शुरुआत की गई है। इस कार्यक्रम के तहत देश के 1 लाख 29 हजार डाकघरों को इसमें शामिल किया जाएगा। केन्द्रीय मंत्री मनोज सिन्हा का कहना है कि अगले साल मार्च तक देश के सभी एक लाख 29 हजार ग्रामीण बैंकों का डिजिटलीकरण हो जाएगा।
वहीं दूरसंचार मंत्री मनोज सिन्हा ने परियोजना दर्पण (डिजिटल एडवांसमेंट आफ रूरल पोस्ट आफिस फार ए न्यू इंडिया) का शुभारंभ दिल्ली में किया। संचार मंत्री ने इस मौके पर कहा कि दर्पण गांव के लोगों की ज़िंदगी में बदलाव तो लाएगा ही, साथ ही इससे डाक विभाग का राजस्व बढ़ाने में भी मदद मिलेगी।
इस परियोजना के तहत शाखा डाकपालों (बीपीएम) को प्रौद्योगिकी समाधान उपलब्ध कराया जाएगा जिससे प्रत्येक 1.29 लाख शाखा डाकघरों को ग्रामीण ग्राहकों को दी जाने वाली सेवाओं का स्तर सुधारने में मदद मिलेगी।
गौरतलब है कि देश के करीब 1 लाख 54 हज़ार डाकघरों में से क़रीब 90 फ़ीसदी ग्रामीण इलाकों में हैं। लगभग 1,400 करोड़ रुपये की लागत से इन सभी ग्रामीण डाकघरों को डिजिटल किया जाएगा। ग्रामीण आबादी के वित्तीय समावेशन के लक्ष्य के साथ शुरू किए गए इस कार्यक्रम के तहत अब तक करीब 43 हजार डाकघरों का डिजिटलीकरण किया जा चुका है। ये डाकघर देश के कोने-कोने में कोर बैंकिंग और इलेक्ट्रॉनिक मनीऑर्डर जैसी सेवाएं प्रदान कर रहे हैं। बाकी बचे डाकघरों को मार्च 2018 तक डिजिटल करने का लक्ष्य है।