अनुसूचित जाति/जनजाति एक्ट (एससी/एसटी) एक्ट पर केंद्र सरकार सुप्रीम कोर्ट में पुनर्विचार याचिका दायर करने का मन बना लिया है। एनडीए के दलित और आदिवासी सांसदों की मांग पर केंद्र सरकार ने ऐलान कर दिया है कि वह सुप्रीम कोर्ट में पुनर्विचार अर्जी दाखिल करेगी।
गौरतलब है कि सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद न सिर्फ कांग्रेस और विपक्षी पार्टियां नाराज थीं, बल्कि एनडीए और बीजेपी के भी कई नेता इस बात से नाराज थे और लगातार सरकार पर इसके खिलाफ पुनर्विचार याचिका दायर करने की मांग कर रहे थे। एससी-एसटी एक्ट पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले के खिलाफ सरकार पुनर्विचार याचिका दायर करने के तैयार हो गई है।
सूत्रों से मिल रही जानकारी के मुताबिक, अगले हफ्ते तक केंद्र सरकार याचिका दायर कर सकती है। बता दें कि बुधवार को एनडीए के एससी-एसटी सांसदों ने पीएम मोदी से मुलाकात की थी और पुनर्विचार याचिका दायर करने की मांग की थी।
SC/ ST एक्ट के तहत सुप्रीम कोर्ट का फैसला -
सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि इस एक्ट के तहत कानून का दुरुपयोग हो रहा है। कोर्ट ने इस एक्ट के तहत मामलों में तत्काल गिरफ्तारी ना किए जाने का आदेश दिया है। साथ ही इसके तहत दर्ज होने वाले केसों में अग्रिम जमानत को भी मजूंरी मिलीने की बात कही गई। सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस आदर्श गोयल और जस्टिस उदय उमेश ललित की पीठ ने अपने फैसले में कहा था कि एससी/एसटी एक्ट के तहत तुरंत गिरफ्तारी नहीं होगी। गिरफ्तारी से पहले पुलिस अधीक्षक आरोपों की जांच करेंगे। इसके बाद ही कार्रवाई आगे बढ़ेगी। सांसद भी पुनर्विचार याचिका के पक्ष में है।