गोरक्षा के नाम पर भीड़ द्वारा हिंसा को रोकने के मामले में सुप्रीम कोर्ट ने आज अपना फैसला सुनाया है। कोर्ट ने इस मामले में केंद्र और राज्य सरकारों को कानून बनाने को कहा है। कोर्ट ने कहा कि कानून व्यवस्था प्रत्येक राज्य की जिम्मेदारी है। हिंसा को रोकने के लिए राज्यों सरकारों को कड़े कदम उठाने चाहिए।
सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र और राज्य सरकार को निर्देश जारी करते हुए कहा है कि 4 सप्ताह के भीतर मॉब लिन्चिंग पर दिशा-निर्देश जारी करें। कोर्ट ने कहा है कि कोई भी व्यक्ति गोरक्षा के नाम पर कानून को अपने हाथ में नहीं ले सकता। केंद्र और राज्य सरकार को गाइडलाइन जारी करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि गोरक्षा के नाम पर होने वाली हिंसा के लिए कानून व्यवस्था को मजबूत करने की आवश्यकता है। इसके साथ ही कोर्ट ने गोरक्षा के नाम पर भीड़ की हिंसा में शिकार हुए पीड़ितों को मुआवजा मिलने की भी बात कही है।
इस मामले में अगली सुनवाई 28 अगस्त को मुकर्रर की गई है। गौरतलब है कि सुप्रीम कोर्ट ने गोरक्षा करने वालों पर बैन की मांग वाली याचिका पर भी सुनवाई की थी। इस दौरान कोर्ट ने 6 राज्यों उत्तर प्रदेश, गुजरात, राजस्थान, महाराष्ट्र, झारखंड और कर्नाटक को नोटिस जारी कर जवाब दाखिल करने को कहा था।