शारदा चिट फंड घोटाला मामले में कमिश्नर राजीव कुमार के खिलाफ सीबीआई द्वारा दायर याचिका पर सुप्रीम कोर्ट मंगलवार को सुनवाई करेगा। याचिका में सीबीआई ने कोर्ट से निवेदन किया था कि वह राजीव कुमार को जांच में सहयोग करने का निर्देश दें। बता दें कि सीबीआई ने राजीव कुमार पर अबतक हुई इन्वेस्टिगेशन(जाँच-पड़ताल) में साथ न देने का आरोप लगाया है। इसके साथ ही CBI ने राजीव कुमार पर सबूतों को नष्ट करने का भी आरोप लगाया है।
CBI ने अपनी याचिका में कहा है कि कमिश्नर राजीव कुमार को कोलकाता हाई कोर्ट से कई बार समन जारी किया इसके बावजूद भी उन्होंने कोई सहयोग नहीं दिया। मामले की सुनवाई करते हुए चीफ जस्टिस रंजन गोगोई ने कहा, अगर कोलकाता पुलिस कमिश्नर ने सबूत नष्ट करने की कोशिश की है, तो उससे जुड़े साक्ष्य पेश किए जाए जिसके बाद उनके खिलाफ सख्त कारवाई की जाएगी।
क्या है पूरा मामला घोटाला -
शारदा चिटफंट घोटाला (Saradha chit fund ghotala) अप्रैल 2013 में सामने आया था। आरोप है कि शारदा ग्रुप की कंपनियों ने गलत तरीके से निवेशकों के पैसे जुटाए और उन्हें वापस नहीं किए। खुलासे के बाद जब एजेंटों से निवेशकों ने पैसे मांगने शुरू किये तो कई एजेंटों ने जान तक दे दी थी। घोटाले में पश्चिम बंगाल सरकार पर भी सवाल उठे थे।
शारदा ग्रुप से जुड़े पश्चिम बंगाल के कथित चिटफंड घोटाले के 2,460 करोड़ रुपए तक का होने का अनुमान है। पश्चिम बंगाल पुलिस और ईडी की जांच रिपोर्ट में यह भी खुलासा हुआ है कि 80 पर्सेंट जमाकर्ताओं के पैसे का भुगतान किया जाना बाकी है। जांच रिपोर्ट के मुताबिक, शारदा ग्रुप की चार कंपनियों का इस्तेमाल तीन स्कीमों के जरिए पैसा इधर-उधर करने में किया गया। ये तीन स्कीम थीं- फिक्स्ड डिपॉजिट, रिकरिंग डिपॉजिट और मंथली इनकम डिपॉजिट। साल 2014 में सुप्रीम कोर्ट ने पश्चिम बंगाल, उड़िसा और असम की पुलिस को आदेश दिया गया था कि वे सीबीआई के साथ जांच में सहयोग करें और इस घोटाले की सभी जानकारी सीबीआई को दें।