बसपा के पूर्व नेता व मायावती सरकार में नंबर दो माने जाने वाले पूर्व मंत्री नसीमुद्दीन सिद्दीकी ने बहुजन समाज पार्टी (बसपा) का साथ छोड़ कांग्रेस का दामन थाम लिया है। बता दें कि नसीमुद्दीन सिद्दीकी बसपा के लिए मुस्लिम वोटों के ध्रुवीकरण का सारा ताना-बाना रचा करते थे, लेकिन ऐसा पहली बार होगा जब नसीमुद्दीन सिद्दीकी एक बार फिर इलाहाबाद आएंगे, एक बार फिर से चुनावी गहमागहमी होगी और जनसभाओं में वह अपने उसी मुस्लिम वोटों के ध्रुवीकरण वाली गोट फेंकेगे, लेकिन इस बार वह बसपा के लिए नहीं बल्कि कांग्रेस के लिए वोट मांगेंगे।
नसीमुद्दीन सिद्दीकी मायावती के खासमखास नेता थे। नसीमुद्दीन सिद्दीकी को बसपा के लिए मुस्लिम वोटों का ध्रुवीकरण माना जाता था।
गौरतलब है कि नसीमुद्दीन सिद्दीकी को साल 10 मई 2017, को मायावती ने पैसे के लेनदेन में गड़बड़ी और लोकसभा चुनाव में हार का आरोप लगाकर पार्टी से बाहर कर दिया था जिसके बाद से सिद्दीकी नये ठौर की तलाश में लगे हुये थे।