बीएस येदियुरप्पा ने गुरुवार को कर्नाटक के मुख्यमंत्री के तौर पर शपत ग्रहण की। कर्नाटक के राज्यपाल वजुभाई वाला द्वारा येदियुरप्पा को शपत दिलाई गई। इस सिलसिले में कांग्रेस और जेडी-एस ने येदियुरप्पा सरकार बनने का जम कर विरोध किया और राज्यपाल के इस फैसले के खिलाफ प्रदर्शन किया। कांग्रेस और जेडी-एस गठबंधन ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटा कर राज्यपाल के इस फैसले को कानूनी तौर चुनौती दी है।
शिर्ष अदालट ने बीएस येदियुरप्पा की शपथ ग्रहण समाहरोह पर रोक लगाने से इंनकार कर दिया और कहा कि राज्यपाल ने अपने विशेषाधिकार का इस्तेमाल किया है। बहरहाल आज इस मामले की एक बार फिर से सुनवाई होगी। इस मामले की कार्यवाही की अध्यक्षता ए.के.सीकरी, एस.ए. बोबडे और अशोक भूषण ने की. येदियुरप्पा ने तय योजना के अनुरूप गुरुवार सुबह नौ बजे शपथ ली, लेकिन शपथ ग्रहण के खिलाफ दायर याचिका पर सुनवाई शुक्रवार को सुबह 10.30 बजे होगी.
आज येदियुरप्पा को 15 और 16 मई को राज्यपाल वजुभाई वाला को लिखे वे दोनों पत्र पेश करने होंगे, जिनमें उन्होंने सरकार बनाने का दावा किया है। बता दें कि कर्नाटक में 222 सीटों पर चुनाव हुए थे, जिसमें से भाजपा को 104, कांग्रेस को 78 और जेडी-एस को 38 सीटें मिली थीं। दो निर्दलीय विधायकों में से एक ने भाजपा को समर्थन देने की घोषणा की थी, लेकिन उसे गुरुवार को विधानसभा के सामने गांधी की प्रतिमा के सामने कांग्रेस और जेडी-एस के धरने में शामिल देखा गया।