देश में मॉब लिंचिंग की बढ़ती घटनाओं के बीच फिल्म जगत और सामाजिक कार्यकर्ताओं के एक समूह समेत ४९ हस्तियों ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखा है। इस पत्र में देश में भीड़ द्वारा लिंचिंग के बढ़ते चलन पर गहरी चिंता जताई की गई है।
पत्र में लिखा गया है कि हमारा संविधान भारत को एक सेकुलर गणतंत्र बताता है, जहां हर धर्म, समूह, लिंग, जाति के लोगों के बराबर अधिकार हैं। लेकिन इसके हाल के दिनों में धार्मिक आधार पर ऐसी घटनाएं बढ़ी है उस पर क्या किया गया? पत्र में कहा गया है कि भगवान राम का नाम लेकर देश के अलग अलग हिस्सों मे रहने वाले एक समुदाय विशेष के लोगो को डराया धमकाया जा रहा है। इस पक्ष के जरिए मुसलमानों, दलितों और दूसरे अल्पसंख्यकों की लिंचिंग पर तुरंत रोक लागए जाने की मांग की गई है।
पत्र में एक रिपोर्ट का हवाला देते हुए कहा गया है कि एक जनवरी २००९ से लेकर २९ अक्तूबर २०१८ तक धार्मिक आधार पर किए गए अपराध के २५४ मामले सामने आए जिनमें ९१ लोगों की मौत हुई और ५७९ घायल हुए। पत्र में कहा गया है कि इन मामलों में मुसलमानों के खिलाफ हुई हिंसा ६२ प्रतिशत और क्रिश्चियन समुदाय के खिलाफ १४ प्रतिशत मामले देखे गए।
इसके साथ ही पत्र में 'जय श्रीराम' के नारे को उकसाने वाला भी बताया गया और कहा गया है कि इस नारे का इस्तेमाल लिंचिंग के लिए किया जा रहा है, राम का नाम देश के बहुसंख्यक समुदाय के लिए पवित्र है, देश के सर्वोच्च कार्यकारी होने के नाते प्रधानमंत्री राम के नाम के इस तरह के इस्तेमाल पर रोक लगाएं।