सरकार के सबसे बड़े विधि अधिकारी एटर्नी जनरल (एजी) के. के. वेणुगोपाल ने बोफोर्स दलाली मामले में विशेष अनुमति याचिका दायर न करने की सलाह दी है, बता ते की इसके निरस्त होने की पूरी आशंका जाताई गई है।
कार्मिक एवं प्रशिक्षण विभाग (डीओपीटी) को हाल ही में भेजे पत्र में श्वेणुगोपाल ने कहा कि सीबीआई को इस मामले में दिल्ली उच्च न्यायालय के फैसले के खिलाफ अपील अब नहीं करनी चाहिए, क्योंकि अपील दायर करने में देरी को आधार बनाकर इसके खारिज हो जाने की पर्याप्त आशंका है।
एटर्नी जनरल ने कहा है कि अपील दायर करने के बजाय सीबीआई को इसी से संबंधित एक लंबित मामले में अपना पक्ष मजबूती से रखना चाहिए, क्योंकि जांच एजेंसी भी इसमें एक पक्षकार है।
एजी के अनुसार, '90 दिनों के भीतर अपील नहीं करने का सीबीआई का तर्क बहुत नहीं ठहरता क्योंकि मोदी सरकार को भी सत्ता में आए 3 साल से अधिक का वक्त हो चुका है।
बता दें कि बोफोर्स केस को लेकर सीबीआई ने कहा था कि वह एक एसएलपी फाइल करना चाहती है जिसमें दिल्ली हाई कोर्ट के 31 मई 2005 के फैसले को चुनौती देने की बात कही गयी थी। फैसले में यूरोप आधारित हिंदुजा ब्रदर्स के खिलाफ बोफोर्स मामले में सभी आरोप खारिज कर दिए गए थे। इसी का जवाब देते हुए अटॉर्नी जनरल ने पत्र लिखा।