चमकी बुखार (एक्यूट इंसेफेलाइटिस सिंड्रोम) से मरने वाले बच्चों की संख्या लगातार बढ़ रही है। बीते सोमवार तक १०० बच्चों की मौत हो चुकी थी। वहीं अभी भी ४४० बच्चे इस बीमारी से पीड़ित हैं। ममाले को बढ़ता देख मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की नींद अब खुली है। मंगलवार वे मुजफ्फरपुर अस्पताल का दौरा करते नजर आए।
आपको बता दें कि चमकी बुखार से पीड़ित ज्यादातर मरीज मुजफ्फरपुर के सरकारी श्रीकृष्णा मेडिकल कॉलेज एंड अस्पताल और केजरीवाल अस्पताल में एडमिट हैं। इस बीमारी से निपटने के लिए सोमवार को बैठक की गई जिसमें नीतीश कुमार ने फैसला लिया कि बीमार बच्चों के पूरे इलाज का खर्चे सरकार उठाएगी, और इस प्रकोप से प्रभावित बच्चों को निशुल्क एंबुलेंस मुहैया कराई जाएगी। वहीं इस बीमारी से मरने वालों के परिजनों को ४ लाख रुपये मुआवजा दिया जाएगा।
राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग ने मुजफ्फरपुर जिले में इंसेफेलाइटिस वायरस की वजह से बच्चों की मौत की बढ़ती संख्या पर सोमवार को केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय और बिहार सरकार से रिपोर्ट दाखिल करने के लिए एक नोटिस जारी किया है। और इस मामले में जल्द से जल्द जवाब मांगा है।
गौरतलब है कि सोमवार को केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन भी स्थिति का जायजा लेने एवं समीक्षा करने के लिए रविवार को मुजफ्फरपुर पहुंचे थे। यहां उन्होंने कृष्णा मेडिकल कॉलेज और अस्पताल (एसकेएमसीएच) का दौरा किया। इससे एक दिन पहले हर्षवर्धन ने अपने मुजफ्फरपुर दौरे की जानकारी देते हुए कहा था कि केंद्र बिहार को एक्यूट इंसेफलाइटिस सिंड्रोम और जापानी इंसेफलाइटिस के मामलों को रोकने एवं उसके प्रबंधन के लिए हर तरह की मदद मुहैया करा रहा है ।