नागरिकता संशोधन विधेयक के विरोध में भारत रत्न से सम्मानित भूपेन हजारिका के परीवार ने एक बड़ा फैसला लिया है। भूपेन हजारिका के परिवार ने बिल के विरोध में भारत रत्न सम्मान लौटाने का फैसला किया है।
नागरिकता संशोधन विधेयक के विरोध में भारत रत्न से सम्मानित भूपेन हजारिका के परीवार ने एक बड़ा फैसला लिया है। भूपेन हजारिका के परिवार ने बिल के विरोध में भारत रत्न सम्मान लौटाने का फैसला किया है। उल्लेखनीय है कि भूपेन हजारिका को २५ जनवरी को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भारत रत्न से सम्मानित किया था।
नागरिकता संशोधन विधेयक को ८ जनवरी को लोकसभा में पारित किया गया जबकि मौजूदा बजट सत्र में इस विधेयक को राज्यसभा में रखा जाएगा। भूपेन हजारिका ने अपने जीवन में एक हजार गाने और 15 किताबें लिखीं। उन्होंने 'रुदाली', 'मिल गई मंजिल मुझे', 'साज', 'दरमियां', 'गजगामिनी', 'दमन' और 'क्यों' जैसी सुपरहिट फिल्मों में गीत दिए। यहां बता दें कि भूपेन हजारिका को भारत रत्न के अलावा दादा साहेब फाल्के पुरस्कार, पद्म भूषण और संगीत-नाटक अकादमी रत्न पुरस्कार से सम्मानित किया जा चुका हैं।साल २०११ में भूपेन हजारिका का निधन हो गया था।
क्या है विधेयक नागरिकता कानून -
विधेयक नागरिकता कानून १९५५ में संशोधन के लिए लाया गया है। इस विधेयक के कानून बनने के बाद, अफगानिस्तान, बांग्लादेश और पाकिस्तान के हिन्दू, सिख, बौद्ध, जैन, पारसी और ईसाई धर्म के मानने वाले अल्पसंख्यक समुदायों को १२ साल के बजाय सात साल भारत में गुजारने पर और बिना उचित दस्तावेजों के भी भारतीय नागरिकता मिल सकेगी।
इस कानून में इन देशों से आए हिंदू, सिख, बौद्ध, जैन, पारसी और ईसाई जो बिना वैध यात्रा दस्तावेजों के भारत आए हैं, या जिनके वैध दस्तावेजों की समय सीमा खत्म हो गई है, उन्हें भारतीय नागरिकता प्राप्त करने लायक बनाता है।